Bangladesh Political Crisis: भारत को तंग करने के लिए बांग्लादेश ने अपनाया नया हथकंडा, लगाया इस चीज पर बैन

Bangladesh Political Crisis: दुर्गा पूजा में अब कुछ ही दिन बचे हैं. अब तक दुर्गा पूजा के आने से पहले बंगाली घरों की रसोई से सरसों में पकी हिलसा मछलियों की खुशबू आने लगती थी. हालांकि, इस बार यह खुशबू बंगाली लोगों के जेब को भारी कर सकती है.

Update: 2024-09-10 05:35 GMT

Bangladesh Political Crisis: दुर्गा पूजा में अब कुछ ही दिन बचे हैं. अब तक दुर्गा पूजा के आने से पहले बंगाली घरों की रसोई से सरसों में पकी हिलसा मछलियों की खुशबू आने लगती थी. हालांकि, इस बार यह खुशबू बंगाली लोगों के जेब को भारी कर सकती है. दरअसल, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अंतरिम सरकार ने हिलसा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. इस वजह से पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी इलिश की कमी हो गई है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं. हालांकि, प्रतिबंध के बावजूद गुपचुप तरीके से मछलियों का निर्यात होगा और बांग्लादेशी मछली दूर्गा पूजा में मिलेगी लेकिन इसकी कीमत बहुत अधिक रहने वाली है. बता दें, हिलसा मछलियों को बंगाली में इलिश कहते हैं.

ऐसे खाते हैं इलिश

बंगाली लोग दुर्गा पूजा के वक्त, खिचड़ी के साथ इलिश खाना पसंद करते हैं. प्रतिबंध सेना समर्थित सरकारों ने लगाया है. हालांकि, शेख हसीना के समय पर आसानी से हिलसा मछलियां भारत आ जाती थी.

निर्यात पर प्रतिबंध का यह है कारण

हिलसा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कारण भी सामने आया है. बांग्लाेशी मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय के सलाहकार फरीदा अख्तर ने बताया कि स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से सरकार ने प्रतिबंध लगाया है. अख्तर ने कहा कि हम इलिश के निर्यात के लिए अनुमति नहीं दे सकते हैं. हमारे अपने लोग मछलियों को खरीदेंगे. इसलिए दुर्गा पूजा के वक्त इलिश के निर्यात को रोकने का निर्देश दिया है.

सबसे ज्यादा इलिश बांग्लादेश में

बांग्लादेश में इलिश मछली का सबसे अधिक उत्पादन होता है. दुनिया की 70 प्रतिशत इलिश मछलियां बांग्लादेश में ही होती हैं. यह बांग्लदेश का गौरव भी है. इलिश ही बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली है.

ऐसे भारत आएंगी मछलियां

गाजीपुर थोक बाजार के व्यापारी का कहना है कि बांग्लादेश से हिल्सा अब म्यांमार से भारत आएंगी. इस वजह से किमती बढ़ गई है. निर्यात के कारण 1 किलो इलिश 2200 से लेकर 2400 रुपये प्रति किलो बिक रही है. पहले इसकी कीमत 1800 से 2000 रुपये प्रति किलो बिकती थी. 

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