दुनियाभर में ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं, काफी लोग लॉन्ग कोविड के शिकार भी हो रहे हैं. लॉन्ग कोविड की वजह से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच एक अमेरिकी शख्स ने दावा किया है कि कोरोना की वजह से उसके प्राइवेट पार्ट की लंबाई घट गई है कोरोना संक्रमित होने के बाद उसका प्राइवेट पार्ट(लिंग) 1.5 इंच तक सिकुड़ गया है। उसने ये भी कहा है कि कोरोना से उसके वस्कुलर सिस्टम को नुकसान पहुंचा। शख्स का दावा है कि कोरोना संक्रमण से पहले उसके लिंग का आकार औसम से ऊपर था। इस दुर्लभ लक्षण को लेकर एक स्टडी में सनसनीखेज नतीजे सामने आए हैं।
सेक्स एडवाइस पॉडकॉस्ट 'हाउ टू डू इट' में इस शख्स ने अपनी परेशानी बताई है। बकौल पीड़ित, जुलाई 2021 में वह कोरोना संक्रमित हो गया था और अस्पताल में भर्ती की नौबत आई थी। शख्स ने दावा किया है कि जब वह अस्पताल से घर लौटा तो कुछ दिनों में उसे महसूस हुआ कि उसका लिंग पहले की तुलना में छोटा हो गया है। शख्स का ये भी कहना है कि लिंग के छोटा होने के कारण उसके आत्मविश्वास और सेक्स क्षमताओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है। 'हाउ टू डू इट' ने इस शख्स की पहचान गुप्त रखी है। हालांकि इस व्यक्ति की उम्र 30 साल के करीब बताई जा रही है।
मिरर ऑनलाइन में छपि खबर के मुताबिक, उस व्यक्ति ने कहा वह कोरोना बीमारी से उबरने के बाद इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) का शिकार हुआ। कई महीने तक इस बीमारी से छुटकारे के लिए इलाज भी करवाया, लेकिन सफल नहीं हो सका। उसने दावा किया डॉक्टरों ने उसे बताया कि लिंग के आकार में कमी स्थायी रूप से बनी रह सकती है। इसका कारण लिंग की नसों में खून का कम पहुंचना है।
विशेषज्ञ ने कही ये बात
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को आम बोलचाल की भाषा में 'नपुंसकता' भी कहा जाता है. अमेरिका की Urologist Ashley Winter MD ने बताया कि कोविड के बाद प्राइवेट पार्ट का सिकुड़ना इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक प्रभाव है. उन्होंने कहा- "यह सच है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने से पेनिस छोटा हो जाता है
डॉ Ashley Winter ने कहा कि जब कोविड पेनिस में पाई जाने वाली रक्त वाहिकाओं की एंडोथेलियल कोशिकाओं में प्रवेश करता है, तो यह उचित रक्त प्रवाह को रोक सकता है. यह इसे प्रभावी रूप से सख्त होने से रोकता है. उन्होंने एक रिसर्च का हवाला दिया, जिसमें यूरोलॉजिस्ट ने दो पुरुषों के पेनिस में कोरोना वायरस के के कण पाए, जो संक्रमण से पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन से ग्रसित थे.