बिहार में शराबबंदी के बावजूद आए दिन जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों के बाद अब प्रदेश की नीतीश सरकार ने इसमें बदलाव के संकेत दिए हैं, बुधवार को बिहार में शराबबंदी कानून में बड़े बदलाव को विधानसभा की हरी झंडी मिल गई। शराबबंदी संशोधन विधेयक विधानसभा में पास हो गया है।
आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने सदन में मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 पेश किया। संशोधन को नीतीश कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी। संशोधिक विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
शराबबंदी कानून में सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब शराब पीकर पहली बार पकड़े जाने वाले को जेल नहीं जाना पड़ेगा। मजिस्ट्रेट जुर्माना लेकर छोड़ सकेंगे। जुर्माना नहीं देने पर जेल जाना पड़ेगा। लेकिन बार-बार शराब पीकर पकड़ाने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। हालांकि अभी जुर्माने की राशि तय नहीं हुई है। संशोधित कानून में और क्या-क्या प्रावधान होंगे इसकी नियमावली बनेगी।
बिहार सरकार को शराबबंदी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट से भी कुछ गाइडलाइन मिली थी। इसके बाद सरकार ने कानून में संशोधन करने का निर्णय लिया। सूबे में अप्रैल 2016 को शराबबंदी लागू हुई थी। काफी संख्या में निर्दोष लोगों को जेल भेजने के आरोप लगे थे।
शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 के अनुसार प्रदेश में पियक्कड़ों को बहुत छूट दी गई है। जिसके अनुसार पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट द्वारा केवल जुर्माना लगाकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है। लेकिन जुर्माना नहीं देने कि स्थिति में आरोपी को एक महीने की जेल हो सकती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति बार-बार शराब पीकर पकड़ा जाता है तो ऐसे स्थिति में उसपर नर न जुर्माना लगाया जाएगा न एक महीने की जेल होगी। बल्कि पकड़े गए व्यक्ति पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकार के मामलों की सुनवाई के लिए एक साल तक का समय तय किया गया है। यानी ऐसे मामलों की सुनवाई एक साल के भीतर ही पूरी करनी होगी।