पत्नी के बाथरूम जाने के बाद जीजा ने साली के साथ किया रेप, 5 साल बाद कोर्ट ने ठहराया दोषी
नालंदा। नाबालिक साली के साथ यौन शोषण के मामले में जिला न्यायालय के षष्टम एडीजे सह विशेष पॉक्सो न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने रवीन्द्र कुमार को दोषी करार दिया है। इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद दोषी शख्स जो कि रेलवे का लोको पायलट (Railway Driver) है कि मुश्किलें बढ़ गई हैं. रेप का ये मामला बिहार के नालंदा जिला से जुड़ा है जहां बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय ने नाबालिग साली से रेप करने के आरोपी जीजा को दोषी करार दिया है। विशेष पॉक्सो पीपी जगत नारायण सिन्हा ने अभियोजन पक्ष से बहस व विचारण के दौरान कुल छह गवाहों का परीक्षण किया था।
अपनी 15 वर्षीय नाबालिग साली का यौन शोषण करने वाले जीजा रविंद्र कुमार को धारा 376 तथा पास्को अधिनियम की धारा 4/6 के तहत सभी गवाहों एवं पक्ष को सुनने के बाद दोषी करार दिया गया है और सजा निर्धारण पर फैसला 17 सितंबर को सुनाया जाएगा. अभियुक्त अस्थावां थाना क्षेत्र के एक गांव का निवासी है.
इस मामले का खुलासा तब हुआ था जब पीड़िता ने सारी बात अपनी बहन से बतायी थी. मामले की जानकारी मिलने के बाद आरोपी के खिलाफ केस हुआ और फिर मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. फिलहाल दुष्कर्म मामले के आरोपी रेलवे लोको पायलट को सजा मिलने के बाद पीड़िता जहां न्याय मिलने से खुश है वही परिवार वाले भी खुशी जता रहे हैं कि उन्हें देर से ही सही लेकिन कम से कम न्याय तो मिला.
एफआईआर के अनुसार 15 वर्षीया पीड़िता की बड़ी बहन की शादी अस्थावां थाना के एक गांव निवासी व दिल्ली रेलवे में लोको पायलट की नौकरी कर रहे रवीन्द्र कुमार से 22 अप्रैल 2016 को हुई थी। शादी के दो माह बाद 5 जुलाई 2016 को आरोपी अपनी पत्नी व उसकी छोटी बहन को यह कहकर दिल्ली ले गया था कि लाल किला, कुतुबमीनार तथा ताजमहल बहुत खूबसूरत है, चलो वहां घूमा देंगे।
तीनों एकसाथ छह जुलाई की शाम सात बजे दिल्ली पहुंचे। बड़ी बहन जब फ्रेश होने के लिए बाथरूम में गई, इसी दौरान मौका देखकर आरोपी आराम कर रही पीड़िता के पास पहुंचा और उससे प्रेम का इजहार कर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बना लिया और इस शर्मनाक हरकत का वीडियो भी बना लिया।
इसके बाद वीडियो दिखाकर वायरल कर देने की धमकी दी। दिल्ली रहने के दौरान आरोपी ने कई बार नाबलिग साली का शारीरिक शोषण किया। बाद में शादी करने से इनकार कर दिया। अपने साथ हुए शर्मनाक हरकत के बाद निराश होकर पीड़िता ने जहर खा लिया। उपचार के बाद ठीक हुई तो सारी बातें अपने परिजनों को बता दिया। 10 अप्रैल 2018 को लगभग दो साल बाद महिला थाना में पीड़िता के बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी।