केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद चुनावी रैली में यूपी समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी और योगी सरकार के कामकाज की तारीफ करने के साथ शाह ने अखिलेश यादव को ट्रिपल तलाक, अनुच्छेद 370 और राम मंदिर को लेकर तीन चुनौतियां दी। शाह ने कहा कि अखिलेश यादव की दूसरी पीढ़ी भी आ जाएगी तो भी न अनुच्छेद 370 वापस आने वाली है, न ट्रिपल तलाक वापस आएगा। उन्होंने राम मंदिर का निर्माण रोकने की भी चुनौती दी।
शुक्रवार को शाह ने रामलला के दर्शन के बाद शाह ने मंदिर परिसर में पौधा रोपण किया और इसके बाद हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन पूजन किया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की जन विश्वास यात्रा की जनसभा में कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने की चर्चा करते हुए शाह ने कहा, ''सपा, बसपा, कांग्रेस और ममता बनर्जी सभी इकट्ठे होकर 370 हटाने का विरोध कर रहे थे, सालों से हम स्वप्न देख रहे थे कि कब हमारा कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हो जाए और पांच अगस्त 2019 को संसद में मोदी जी ने 370 को उखाड़ कर फेंक दिया।''
शाह ने कहा कि यह अखिलेश अयोध्या में वोट मांगने आए तो पूछना कि कारसेवकों का दोष क्या था, आपकी सरकार ने गोली क्यों चलवाई और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटने में आपको क्या आपत्ति है। शाह ने कहा कि, ''मोदी जी ने ट्रिपल तलाक हटा दिया तो ये लोग रोना रो रहे हैं, ट्रिपल तलाक लाओ, ट्रिपल तलाक लाओ। अखिलेश बाबू आपकी दूसरी पीढ़ी भी आ जाएगी, तब भी न 370 वापस आने वाला है, न ट्रिपल तलाक वापस आएगा।''
उन्होंने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, सपा-बसपा समर्थन करते थे और आए दिन पाकिस्तान से आलिया, जमालिया घुसते थे और हमारे जवानों के सिर काट कर ले जाते थे और कांग्रेस पार्टी के माथे पर जूं नहीं रेंगती थी लेकिन मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो पुलवामा और उरी पर हमला हुआ तो दस दिन के ही अंदर मोदी जी ने एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवादियों का सफाया किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को आड़े हाथों लेते हुए शाह ने कहा, ''राहुल बाबा कहते हैं कि जो सर्जिकल स्ट्राइक कर रहे हो, उसका प्रमाण चाहिए। मोदी जी देश को समृद्ध और सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।''
अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि के भव्य मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए शाह ने कहा, ''इस भूमि ने सालों तक प्रभु श्री राम लला के लिए संघर्ष किया और यहां विनाश भी हुआ, निर्माण भी हुआ मगर हर बार विनाश पर निर्माण ने विजय प्राप्त की। इस सदी में भी हजारों लाखों लोगों ने प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान पर बलिदान दिए, पीढ़ियों तक पगड़ी नहीं पहनी, सालों तक जूते नहीं पहने, कई पीढ़ियों तक मीठा नहीं खाया, कई संतों, महंतों ने अपनी देह का त्याग किया मगर प्रभु श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का स्वप्न सच नहीं हुआ।'' गृह मंत्री ने कहा किआजादी के बाद पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने सोमनाथ के ज्योतिर्लिंग का निर्माण कराया था और आजादी के 75 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम लला के भव्य मंदिर का शिला पूजन करने का कार्य किया।
सपा, बसपा और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि इसको रोकने के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस जब भी शासन में रहे, ढेर सारे प्रयास किए, आप सबको याद है या नहीं है- कारसेवकों पर गोली चलवाई थी, याद है या नहीं है, राम सेवकों पर डंडे चलवाए थे, याद है या नहीं है। राम सेवकों को मारकर मां सरयू में बहा दिया गया था, याद है या नहीं है। उन्होंने कहा, ''आज मैं देखकर आया हूं राम लला मंदिर उसी स्थान पर जोर शोर से बन रहा है, जो रोकना चाहते थे, उन सभी को कहना चाहता हूं कि रोक सको तो रोक लो क्योंकि किसी में रोकने का दम नहीं है। जहां प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था, उसी स्थान पर देखते देखते कुछ ही महीनों में आकाश को छूने वाला राम मंदिर बनने वाला है।''
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने 2022 में अपनी पार्टी की उप्र में फिर से सरकार बनाने का आह्वान करते हुए कहा, ''अयोध्या वासियों, देश के नागरिकों और यूपी के लोगों के लिए सोचने का समय है कि इतने साल रामलला को टेंट में क्यों रहना पड़ा, इतने साल राम मंदिर को किसने रोक कर रखा, कारसेवकों पर किसने गोलियां चलाई, रामनवमी के उत्सव को कौन बंद कर दिए थे, दीपोत्सव को कौन बंद कर दिए थे, राम भक्तों पर डंडा किसने चलाया था, यह हम सबको याद रखना है।'' शाह ने आरोप लगाया कि ''सपा, बसपा के शासन में, बुआ-बबुआ के शासन में हमारे आस्था के प्रतीकों का सम्मान नहीं होता था। आज नरेंद्र मोदी जी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी हर एक आस्था स्थल को गौरव प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं, यह हम सबके लिए आनन्द का विषय है।''