आखिर क्या है 'Bulli Bai' और इससे क्यों नाराज हैं मुस्लिम महिलाएं?

Bulli Bai, सुल्ली डील,

Update: 2022-01-02 09:48 GMT

सुल्ली डील्स के बाद अब बुल्ली बाई...एक ऐसा एप, जिसने सोशल मीडिया पर भूचाल मचाकर रख दिया है। हैश टैग बुल्ली बाई (#BulliBai) के नाम से इस एप को ट्रोल किया जा रहा है। साथ ही इस एप ने मुस्लिम महिलाओं को भी बेहद नाराज कर दिया है। यहां तक कि एप को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है और मामला पुलिसिया जांच तक पहुंच गया है। ऐसे में यह सवाल हर किसी के मन में उठना लाजमी है कि, आखिर ये सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई है क्या?

मुस्लिम महिलाओं की नाराजगी की वजह?

बुल्ली बाई एप ने मुस्लिम महिलाओं को काफी नाराज कर दिया है। एप बनाने वाले लोग विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट से अवैध रूप से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को इकट्ठा करते हैं और उस पर आपत्तिजनक कंटेट लिखकर उनकी तस्वीरों को ट्रोल करते हैं। तस्वीरों का गलत तरीके से इस्तेमाल होता है। एप पर कई महिलाओं की तस्वीरें होती हैं, जिस पर किसी महिला की तस्वीर के साथ लिखा जाता है, 'योर बुल्ली बाई ऑफ द डे'....इन तस्वीरों को शेयर कर इनकी नीलामी भी की जा रही है। 

सुल्ली डील क्या है?

सुल्ली महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है। चार जुलाई, 2021 को ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए थे। इस एप में एक टैग लाइन लगी थी, 'सुल्ली डील ऑफ द डे' और इसे मुस्लिम महिलाओं की फोटो के साथ शेयर किया जा रहा था। खास बात यह निकलकर आई कि इसे गिटहब पर एक अज्ञात समूह द्वारा बनाया गया था। 

कैसे चर्चा में आया बुल्ली बाई

बुल्ली डील्स पर भी मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का सौदा हो रहा है, लेकिन यह एप तब दुनिया के सामने आया जब एक महिला पत्रकार को निशाना बनाया गया। उनकी तस्वीरों का भी अवैध तरीके से इस्तेमाल कर एप पर ट्रोल किया जा रहा था। इसकी जानकारी देते हुए महिला पत्रकार ने ट्विटर पर लिखा कि मुस्लिम महिलाओं को "डर और घृणा की भावना" के साथ नए वर्ष की शुरुआत करनी पड़ी है।

इसके बाद शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि होस्टिंग प्लेटफॉर्म गिटहब का इस्तेमाल करते हुए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें एक एप पर अपलोड की गई हैं। इस मुद्दे को उन्होंने मुंबई पुलिस के सामने उठाया और मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा, ''मैंने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव जी उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का कई बार आग्रह किया जो 'सुल्ली डील्स' जैसे प्लेटफार्म के जरिए महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। शर्म की बात है कि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।''

कुछ ऐसा है 

बुल्ली बाई गिटहब नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद है। एक सोशल मीडिया यूजर के मुताबिक जैसे ही आप इसे खोलते हैं सामने एक मुस्लिम महिला का चेहरा आता है, जिसे बुल्ली बाई नाम दिया गया है। टि्वटर पर मजबूत प्रजेंस वाली मुस्लिम महिलाओं का नाम इसमें इस्तेमाल किया गया है। उसकी तस्वीर को बुल्ली बाई के तौर पर प्रदर्शित किया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, ऐसे ही नाम वाले एक टि्वटर हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा है। इस टि्वटर हैंडल पर खाली सपोर्टर की फोटो लगी है और लिखा है कि इस एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बुक किया जा सकता है।

गिटहब क्या है?

एक रिपोर्ट के मुताबिक गिटहब एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म है। यह यूजर्स को एप्स क्रिएट करने और उन्हें शेयर करने की सुविधा देता है। गिटहब पर कोई भी पर्सनल या एडमिनिस्ट्रेशन नाम से एप बना सकता है। इसके साथ ही आप गिटहब मार्केटप्लेस पर अपना एप शेयर करने के साथ बेच भी सकते हैं

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