धार्मिक न्यास के बोर्ड के परिसम्पति हड़पनेवालों खिलाफ करें सीसीए की कार्रवाई
कुमार कृष्णन
मुंगेर। राज्य के गन्ना उद्योग एवं विधि विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार की बिहार की अध्यक्षता में आज धार्मिक न्यास की परिसम्पत्ति एवं गन्ना उद्योग के विकास से संबंधित प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक संबंधित जिलों के जिला पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, डीसीएलआर, अनुमंडल पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी के साथ की गयी। इस बैठक में आयुक्त मुंगेर प्रमंडल प्रेम सिंह मीणा, विधायक मुंगेर श्री प्रणव कुमार और धार्मिक न्यास बोर्ड एवं गन्ना विकास विभाग के सचिव एवं सदस्यगण उपस्थित थे।
जिला पदाधिकारी नवीन कुमार ने बैठक का विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि पूरे सूबे में धार्मिक न्यास पर्षद के भूमि एवं परिसंपत्तियों को चिह्नित कर उसे संरक्षित और संवर्धित करना सरकार का उद्देश्य है। इस बाबत बैठक मंत्री की अध्यक्षता में की जा रही है। आयुक्त ने कहा कि धार्मिक न्यास पर्षद की स्थापना 1950 में की गयी। बैठक का मुख्य उद्देश्य को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रमंडल स्तर पर सभी जिलों में न्यास बोर्ड के परिसंपत्तियों को चिह्नित कर उसका डाटाबेस बनाया जाना है जिसे लोगों में चिंतन और चेतना का भाव आ सके। उन्होंने सभी गैर निबंधित छुटे हुए न्यास बोर्ड के परिसंपत्तियों को निबंधित करने उसे सूचीबद्ध करते हुए उन्हें पोर्टल पर इंट्री किया जाएगा ताकि लोगों के बीच यह सार्वजनिक हो सके। अपने संबोधन में मंत्री ने
कहा कि न्याय बोर्ड के जमीन के प्रति सरकार काफी गंभीर है इसलिए इसका डाटाबेस तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से इसका सरकारी उपयोग किया जायेगा। उन्होंने सरकार का पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि अपने अपने जिले में न्यास बोर्ड के जमीन चिह्नित करने हेतु सर्वे का काम करे। उन्हें न्यास बोर्ड में निबंधित कराये। सर्वोच्च न्यायालय में भी न्यास बोर्ड के जमीन को संरक्षित और संवर्धित करने का निदेश दिया है।
चेन्नई उच्च न्यायालय में अपने आदेश में कहा कि धार्मिक न्यास के बोर्ड के परिसम्पति में यदि कोई हेराफेरी और हड़पने के दिशा में कार्य करता है तो उनके विरूद्ध सीसीए तक की कार्रवाई करे। मंत्री ने इस सर्वेक्षण और निबंधन के एक महत्वर्पूण फायदे को बताते हुए कहा कि इससे पारदर्शिता आयेगी। विधि व्यवस्था के समस्या का भी समाधान होगा। इस लिए उन्होंने कहा कि परिसम्पत्तियों का संरक्षण एवं संवर्घन बनना हमारा नैतिक जिम्मेवारी भी है। उन्होने कहा कि प्रथम दृष्टिया पूरे सूबे में 30 हजार एकड़ भूमि न्यास बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में है। 10 हजार एकड़ रकवा सिर्फ मुंगेर प्रमंडल में सामने आये है। सभी जिला पदाधिकारी तथा संबंधित पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि एक माह में अपने स्तर से सर्वेक्षण करा ले। उसके बाद डाटाबेस तैयार करते हुए उन्हें पोर्टल पर इंट्री करते हुए पब्लिक डोमेन में लाया जायेगा।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि सबसे पहले गैर निबंधित परिसंपत्तियों को न्याय बोर्ड में निबंधित कराये यदि पुराने खतियान एवं दस्तावेज का गहन जांचोपरांत जमाबंदी कायम करते हुए न्यास बोर्ड से निबंधित कराये। गन्ना विकास को लेकर सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने इथनौल निर्माण में गन्ना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। 6 माह अनाज, मक्का एवं चावल आधारित तथा 06 माह गन्ना से इथेनॉल के दिशा में कार्य करे। गन्ना के प्रमाणित बीज पर 210 रुपया प्रति क्वींटल सरकार के द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। कृषक उत्पादन संगठन के माध्यम से उत्कृष्ट किसानों का चयन करे।
आत्मा के माध्यम से प्रशिक्षण एवं कार्यशाला लगाकर इस दिशा में जागरूकता कार्यक्रम चलाये। विधिक विभाग के विशेष सचिव ने भी विधिक पहलू को बताया उन्होंने कहा कि हम सभी के इस दिशा में जागरूक और संवेदनशील होने की जरूरत है तथा तभी हम परिसंपत्तियों का संरक्षण कर पायेगे। आन द स्पाॅट स्थलीय निरीक्षण करने का भी सुझाव दिया। बोर्ड के अन्य सदस्य चंदन ने भी कहा कि धार्मिक न्यास पर्षद से जारी पत्रों का तत्परतापूर्वक संज्ञान लेने की आवश्यकता है। सभी जिला पदाधिकारियों ने भी अपनी बाते रखी।
जिला पदाधिकारी मुंगेर नवीन कुमार ने सुझाव देते हुए कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड के मंदिर/मठो के जीर्णोद्धार हेतु कोई दान देता है तो इस दिशा में विधि विभाग से मार्गदर्शन की अपेक्षा है। इसके अतिरिक्त न्यास बोर्ड के भूमि का यदि वर्षो से कोई आर्थिक उपयोग कर रहा है तो उससे एग्रीमेंट विहित प्रपत्र में किया जाय। मंदिर मठ के आस पास फूल माला तथा फुटकर दुकानों के बंदोबस्ती तथा परिसर का चारदीवारी निर्माण के संबंध में भी विभाग से एसओपी जारी होनी चाहिए। जिससे इस दिशा में सहजता पूर्वक कार्य किया जा सके। अतः में बैठक का धन्यवाद ज्ञापन जिला पदाधिकारी खगड़िया आलोक रंजन घोष ने किया।