गुड गवर्नेंस का दावा करने वाले नीतीश कुमार सोमवार को अपने ही जनता दरबार में परेशानी में पाए गए। वह एक बार तो गुस्से से लाल हो गए और दूसरी बार जैसे उनके सामने क्या बोलें, क्या नहीं वाली स्थिति हो गई। दरअसल, दोनों मामले भ्रष्टाचार से जुड़े थे। दोनों में फरियादियों ने नीतीश कुमार को आईना दिखा दिया।
एक मामले में मैट्रिक के बाद प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने के एवज में कर्मचारियों ने छात्रा को कह दिया कि उनका पैसा सृजन घोटाने में चला गया। दूसरे में, एक व्यक्ति ने बताया कि सहायता राशि देने के नाम पर कर्मचारी एक लाख रुपए घूस मांगते हैं। इन दोनों मामलों में नीतीश कुमार अनचाही स्थिति में पड़ गए।
नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
भागलपुर से आई एक लड़की ने CM नीतीश कुमार के सामने शिकायत की कि 2016 में प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास किया था। लगातार विभाग में चक्कर काटने के बावजूद प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है। जब अधिकारियों से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारा पैसा सृजन घोटाले में चला गया। पहले CM ने तो 2016 के मामले को सुनकर आश्चर्य व्यक्त किया, जब छात्रा ने कहा कि पैसे के सृजन घोटाले में जाने की बात कही जा रही है तो CM असमंजस में पड़ गए। हालांकि, CM ने तुरंत शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फोन करके इस मामले को देखने को कहा।
इसलिए CM को आया गुस्सा
CM नीतीश कुमार उस समय बिफर पड़े जब एक युवक ने कहा- 'बेटे और बेटी, दोनों एक साथ डूबकर मर गए। सहायता राशि के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उसके एवज में अधिकारी एक लाख रुपए घूस मांग रहे हैं।' ये सुनकर CM आगबबूला हो गए। CM ने कहा कि जिसने भी उस व्यक्ति एक लाख रुपए की मांग की है, वह उसकी पूरी डिटेल बताए- 'वह कौन है और उसका नाम क्या है? तत्काल उस पर कार्रवाई की जाएगी। एक्शन के साथ-साथ उस पर FIR दर्ज की जाएगी'।