मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर पुलिस लाइन में गोरखपुर में पुलिस पिटाई में मारे गए प्राॅपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी से मुलाकात की। मीनाक्षी ने नौकरी, मुआवजा और गोरखपुर से कानपुर केस ट्रांसफर कराने की मांग सीएम योगी ने मान ली।
सीएम योगी ने मनीष गुप्ता की पत्नी को विकास प्राधिकरण में ओएसडी की नौकरी देने और राहत राशि भी 10 लाख से बढाने के लिये जिला प्रशासन से प्रस्ताव देने को कहा है। परिवार ने सीबीआई जांच की भी मांग रखी। सीएम ने इस पर भी आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि जांच के संबंध में भी जो कुछ होगा किया जाएगा। सरकार आपके साथ है। हर हाल में न्याय मिलेगा।
सीएम ने कहा कि दो दिन पहले गोरखपुर में हुई घटना बेहद शर्मनाक है। कल सुबह ही मैंने पीड़ित परिवार से मिलने की इच्छा जताई थी। अपराध और अपराधियों के प्रति हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। कोई अपराधी बख्शा नहीं जाएगा। सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर तंज कसा कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली। ये लोग प्रदेश को बदनाम, अराजकता, फैलाने और माफिया की पैरवी करने वाले लोग हैं।
सरकारी योजनाओं में डकैती डालने वालों को अब परेशान नहीं हो रही है। माफिया के कब्जे पर जब बुलडोजर चलता है तो इन्हें बुरा लगता है। यह लोग तो वह लोग हैं जिन्होंने परिवार को ही प्रदेश मान लिया था। नौकरी निकलती थी तो परिवार का एक सदस्य वसूली पर निकल पड़ता था।अब प्रदेश की सरकारी भर्तियों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।
बता दें कि मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर घूमने गए थे। यहां ये लोग होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। हरदीप ने बताया कि सोमवार रात 12:30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिस वालों ने उसे पीटना शुरू दिया। इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।