उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ मंगलवार को पहली बार अपने पैतृक गांव यमकेश्वर के पंचूर पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले पंचूर से करीब तीन किमी दूर बिथ्याणी स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय परिसर में उन्होंने अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। गुरु को याद करते हुए सीएम योगी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, "आज गुरु की मूर्ति का अनावरण करने और अपने स्कूली गुरुओं का सम्मान करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। मैं 35 साल बाद अपने गुरुओं से मिल पा रहा हूं। मैं आज जो कुछ भी हूं माता-पिता और गुरु अवेद्यनाथ की वजह से हूं।"
वही योगी आदित्यनाथ 5 साल बाद अपने गांव पंचूर पहुंच गए हैं। वह संन्यास के 28 साल बाद पहली बार घर में रात बिताएंगे। योगी से मिलने के लिए उनकी तीन बहनें पहले ही घर पहुंच चुकी हैं। वहीं, उनके तीनों भाई भी घर पर हैं। योगी के इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए देशभर से मीडिया पहुंचा हुआ है। हालांकि, उत्तराखंड प्रशासन ने योगी के घर से एक किमी पहले ही मीडिया को रोक लिया है।
योगी ने कहा, "उत्तराखंड में भाजपा सरकार न बनती तो शायद मैं यहां आज भी नहीं आ पाता। मैं धन्यवाद देता हूं सीएम पुष्कर सिंह धामी का, जिनकी सरकार की वजह से मैं अपने गांव आज वापस आ पाया हूं।"
योगी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में माफिया की कमर अब टूट चुकी है। अब वो सीधे खड़े नहीं हो पा रहे हैं। कोरोना काल में हमने लोगों को फ्री चिकित्सा की सुविधाएं दीं। ऐसी ही व्यवस्था हमें अब उत्तराखंड में नजर आती है, जब से हमारी भाजपा सरकार यहां आई है।"
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने स्कूल के शिक्षकों को सम्मानित किया। 6 शिक्षकों को शॉल देकर उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं यहां कक्षा 1 से 9 तक पढ़ा हूं। मुझे याद है कि 1940 से 2014 तक मेरे गुरु यहां नहीं आ पाए। जबकि उनका जन्म यहीं हुआ था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे के लिए मंगलवार को उत्तराखंड पहुंचे। मंगलवार को वह पौड़ी (गढ़वाल) जिले के यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत बिथ्याणी में अपने गुरु अवेद्यनाथ की प्रतिमा का लोकार्पण किया। दूसरी बार सीएम बनने के बाद योगी का यह पहला उत्तराखंड दौरा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे।