कनाडा से लायी गयी देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति काशी पहुंचीं, CM योगी ने किया प्राण प्रतिष्ठा, खुद उठाई पालकी

Update: 2021-11-15 06:00 GMT

108 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सोमवार सुबह मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंच गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  वैदिक मंत्रोच्चार के बीच  प्रतिमा यात्रा की अगवानी की। पूरा मंदिर परिसर मां के जयकारे और हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान है।

सीएम योगी ने खुद पालकी उठाई और प्रतिमा को स्थापना स्थल तक पहुंचाया। मूर्ति को विश्वनाथ मंदिर के ईशान कोण में स्थापित किया गया। सीएम योगी के हाथों प्राण प्रतिष्ठा किया गया। कनाडा से काशी पहुंची माता अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति को बाबा विश्वनाथ के विशेष रजत सिंहासन पर विश्वनाथ धाम में प्रवेश कराया गया।  

कनाडा से लायी गयी देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति 108 साल बाद रविवार देर रात काशी लौटी। जौनपुर से वाराणसी जिले में प्रवेश करते हुए पिंडरा में मां का स्वागत किया गया। बेशक चढ़ती रात के साथ सर्दी का असर बढ़ता रहा लेकिन मां के स्वागत के लिए भक्तों में गर्मजोशी बनी रही। तय समय से घंटों विलंब से पहुंचते ही कोई गुलाब की पंखुड़ियां तो कोई माला लेकर दौड़ा।

बलुआ पत्थर से बनी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 18वीं सदी की बताई जाती है। मां एक हाथ में खीर का कटोरा और दूसरे हाथ में चम्मच लिए हुए हैं। प्राचीन प्रतिमा कनाडा कैसे पहुंची, यह राज आज भी बरकरार है। लोगों का कहना है कि दुर्लभ और ऐतिहासिक सामग्रियों की तस्करी करने वालों ने प्रतिमा को कनाडा ले जाकर बेच दिया था। काशी के बुजुर्ग विद्वानों को भी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के गायब होने की जानकारी नहीं है।

सोमवार को देवोत्थान एकादशी को माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति को फूल मालाओं से सजाकर प्रातः दुर्गामंदिर से शोभायात्रा हरहर महादेव के उद्दघोष के साथ प्रारम्भ हुई।  18वीं शताब्दी की भव्य मूर्ति के एक हाथ में खीर की कटोरी एवं दूसरे हाथ में चम्मच देख कर लग रहा था कि मां अपने भक्तों को प्रसाद बांटते हुए अपने देवस्थान पर जाने हेतु चलायमान हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ  के हाथों बाबा विश्वनाथ धाम के नये देवोस्थान में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा किये जाने पर अत्यंत हर्ष व्याप्त है।

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