महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में फिर बढ़ सकती है अमर गिरी की मुश्किलें, कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में अमर गिरी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती दिख रही हैं। पढ़िए पूरी खबर

Update: 2023-10-10 09:28 GMT

महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में फिर बढ़ सकती है अमर गिरी की मुश्किलें।

Mahant Narendra Giri Suicide Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में वादी मुकदमा अमर गिरि एक बार फिर से कार्ट में गैर हाजिर रहे। इस वजह से मुकदमे की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई जा सकी। आपको बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि के आत्महत्या केस की सुनवाई जिला जज संतोष राय की अदालत में चल रही है।

मुकदमे के पहले गवाह अमर गिरि के लगातार गैरहाजिर रहने का अभियोजन की ओर से विरोध किया गया। सीबीआइ के विशेष अधिवक्ता के द्वारा अदालत को बताया गया कि अमर गिरि पिछली कई नियत तिथि से अदालत में हाजिर नहीं हो रहे हैं।

कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

अमर गिरि ही वादी मुकदमा है और वादी मुकदमा का पूरा बयान अभी दर्ज नही हुआ है। उनका पूरा बयान दर्ज हुए बिना दूसरे साक्षी की गवाही आगे नहीं हो सकती। अमर गिरी लगातार कोर्ट में गैर हाजिर पाए जा रहे हैं, ऐसे में कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जाए। अब मामले की सुनवाई तीन नवंबर को होगी।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है की महंत नरेंद्र गिरी की मौत 20 सितंबर 2021 को हुई थी। उनका शव प्रयागराज के मठ बाघम्बरी गद्दी में कमरे में पाया गया था। उनके कमरे से एक आठ पन्ने का दोनों तरफ लिखा हुआ सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। सुसाइड नोट के आधार पर ही प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में आईपीसी की धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सीबीआई को जांच सौंप दी गई।  

सीबीआइ को मिले थे कई अहम साक्ष्य

श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने मामले में सीबीआइ ने 28 सितंबर 2021 से चार अक्टूबर तक आनंद गिरि को अभिरक्षा में लेकर कई अहम साक्ष्य जुटाए थे। सीबीआइ ने कोर्ट से आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और संदीप तिवारी का पालीग्राफी टेस्ट करने की इजाजत मांगी लेकिन आरोपितों की सहमति नहीं होने के कारण अनुमति नहीं मिली। 20 नवंबर को सीबीआइ का आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सेशन कोर्ट को फाइल सुपुर्द कर दी। 19 पेज की चार्जशीट पर सीबीआइ ने 152 लोगों के बयान दर्ज किए थे।

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