सीएम योगी के खिलाफ टिप्पणी करने वाले उच्च शिक्षा आयोग के पूर्व सदस्य नीरज मिश्रा की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने लगाईं रोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी को बड़ी राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने शनिवार को उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में इस शख्स पर एफआईआर दर्ज हुई है.
हाथरस गैंगरेप की घटना के विरोध में प्रदर्शन के दौरान आरोपी की ओर से विवादित टिप्पणी की गई थी. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 4 हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है.
कासगंज के पटियाली निवासी उच्च शिक्षा आयोग के पूर्व सदस्य नीरज किशोर मिश्र की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अंजनी कुमार मिश्र और जस्टिस शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने आदेश देते हुए आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.
पिछले साल एक अक्टूबर शाम 6 बजे गैंगरेप की यह घटना हुई थी. वाल्मीकि समाज की ओर से पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाया गया. इसी दौरान आरोपी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विवादित टिप्पणी की गई थी.
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिका कर्ता हिस्ट्रीशीटर है उनका शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. 11 दिसंबर को धारा 153 बी, 505 आईपीसी के तहत पटियाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में याची की ओर से कहा गया कि जनतंत्र में विरोध का अधिकार है. ऐसे में उसके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है. फिलहाल हाईकोर्ट ने विवेचना जारी रखने का निर्देश दिया है.
नीरज मिश्र बसपा सरकार में उच्च शिक्षा आयोग के सदस्य रहे है. साथ ही एटा जनपद के सकीट विधानसभा क्षेत्र से बसपा से चुनाव लड़ चुके है और महज १३५ वोट से चुनाव हारे थे. उनके खिलाफ यह रिपोर्ट राजनीत से प्रेरित नजर आ रही थी.