विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नीति दस्तावेज के मसौदे में मिशिगन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के वेबसाइट की समाग्री हू-बहू चिपकाने का आरोप है।
राहुल गांधी ने कहा है संविधान को लागू करने के लिए जिम्मेदार संस्थाओं के बिना संविधान का कोई मतलब नहीं है और ये संस्थाएं आरएसएस के हाथों में हैं। उन्होंने कहा, संविधान पर हमला नया नहीं है। इसकी शुरुआत उस दिन हुई थी जब महात्मा गांधी के सीने में तीन गोलियां दागी गई थीं। आंबेडकर ने इससे लड़ने का हथियार (संविधान) विकसित किया पर अब यह हमारे हाथों में नहीं है।
इटली के दूतावास के कौंसेलर से बारापुला फ्लाईओवर पर 30 मार्च को उनका बैग छीन लिया गया। 2 अप्रैल को उनकी शिकायत दर्ज हुई (या करवाई)। जांच के दौरान पता चला कि 31 मार्च की डकैती के मामले में गिरफ्तार लोगों ने ही बताया कि उन्होंने 30 मार्च को एक महिला का बैग लूटा था। उनके पास महिला का फोन बरामद हो गया। पुलिस की कामयाबी की यह कहानी आज इंडियन एक्सप्रेस में छपी है।
इंडियन एक्सप्रेस में ही आज खबर है कि अमृता शेरगिल मार्ग पर (जी हां, सूर द्वारिका या किसी अवैध कॉलोनी में नहीं) बॉलीवुड अभिनेत्री और उनके पति के घर से 2.4 करोड़ का सामान लूट लिया गया। वारदात 11 फरवरी की है। शिकायत 23 फरवरी को दर्ज हुई (या करवाई)। पुलिस ने 9 अप्रैल को जानकारी दी (किसलिए मैं नहीं जानता)। पर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिसर का सीसीटीवी फुटेज भी देखा जा रहा है। इसमें खबर क्या है मैं नहीं समझ पाया।
जब दिल्ली में अपराध, पुलिस और जांच का यह हाल है तो उत्तर प्रदेश के गोंडा की एक खबर है कि जेल में बंद आसाराम के आश्रम में खड़ी कार में एक किशोरी का शव मिला। इसका पिता तीन वर्षों से लापता है और एक मकान के विवाद को लेकर हुई मारपीट के बाद से उसका कोई पता नहीं है। लड़की पांच अप्रैल को लापता हुई थी। पुलिस को भी शिकायत दी गई थी। सात अप्रैल को शव मिला।
साथी संजय सिन्हा ने लिखा है कि जबलपुर में अपने साथ हुई घटना की एफआईआर वह आईजी से मिलकर भी नहीं लिखवा पाया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत दुनिया भर की हस्तियों से जान-पहचान, मुलाकात है तब भी। ऐसे में पत्रकारों और गैर पत्रकारों को सीधी में नंगा करने के मामले में लाइन हाजिर करने की कार्रवाई कोई सजा नहीं है। पर मैंने इससे ज्यादा सजा तो सुनी ही नहीं है. पुलिस वालों को सजा नेताओं से भिड़ने पर मिलती है और वह कोई आईपीएस होता है। नेता छोटे पुलिस वालों से नहीं लगते। यह है देश की व्यवस्था।
कांग्रेस नेता ए राजा की किताब, द दलित ट्रुथ के लोकार्पण के मौके पर राहुल गांधी का भाषण जोरदार था। इतना कि इसके वीडियो का उन्हें पप्पू बताने वाला संपादित अंश कुछ ही देर बाद घूमने लगा। आज भी सभी अखबारों में उसकी खबर है। पर शायद ही किसी अखबार ने यह शीर्षक लगाया हो, "सीबीआई - पेगासस से डर गईं मायावती"। शाह टाइम्स ने इस खबर के साथ बॉक्स में यह भी छापा है, पेगासस, सीबीआई, ईडी - पॉलिटिकल सिस्टम को कंट्रोल करते हैं।