कौशांबी ट्रिपल मर्डर केस में तीन चकबंदी लेखपाल हुए निलंबित, जिला प्रशासन ने की कार्रवाई
यूपी के कौशांबी जिले में हुए ट्रिपल मर्डर केस में जिला प्रशासन ने बड़ा कार्रवाई की है।
Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी में बीते दिनों हुए ससुर, दामाद और गर्भवती बेटी की गोली मारकर हत्या में बड़ी कार्रवाई हुई है। एक साथ तीन लोगों की हत्या से ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया था। वहीं ट्रिपल मर्डर से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे। जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आठ आरोपियों को पहले ही जेल भेज दिया था, वहीं अब भूमि चकबंदी से जुड़े चार कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
आपको बता दें कि जिला प्रशासन ने कल यानी कि बुधवार को भूमि चकबंदी से जुड़े चार कर्मियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई इस महीने की शुरुआत में यहां भूमि विवाद को लेकर एक दलित परिवार के तीन सदस्यों की कथित हत्या के सिलसिले में की गई है। जिले के संदीपन घाट थाना क्षेत्र के तिहरे हत्याकांड वाले मोहिउद्दीनपुर गौस गांव में जमीनी विवाद संबंधी तथ्यों की जांच अपर जिलाधिकारी न्यायिक दीपक कौशांबी की अध्यक्षता में बनी जांच समिति द्वारा कराई गई थी।
तीन चकबंदी लेखपाल हुए निलंबित
जांच समिति से रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी द्वारा तीन चकबंदी लेखपालों और एक चकबंदी कर्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिला अपर जिला सूचना अधिकारी रवि जायसवाल ने बताया कि जिलाधिकारी कौशांबी सुजीत कुमार द्वारा जिले के मोहम्मदपुर गौस गांव में जमीनी विवाद के चलते हुए तिहरे हत्याकांड के बाद अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) जयचंद पांडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी।
जमीनी विवाद के चलते हुई थी हत्या
समिति की रिपोर्ट प्राप्त मिलने के बाद उसके आधार पर तीन चकबंदी लेखपालों राज किरण, शिलवंत सिंह, शिवेश सिंह और चकबंदी कर्ता राम आसरे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दलित परिवार के तीन सदस्यों - शिवशरण (30), उनकी पत्नी बृजकली (25) और उनके ससुर होरीलाल (60) की 15 सितंबर को कथित तौर पर भूमि विवाद को लेकर हत्या कर दी गई थी। हत्याओं के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने गांव की कई झोपड़ियों में आग लगा दी थी। पुलिस ने पिछले हफ्ते मामले के मास्टरमाइंड समेत कई गिरफ्तारियां कीं।
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