जौनपुर। दुनिया में जहां डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। अगर वे ही गुंडई में उतर आए तो लोगों का क्या हाल होगा। उमरपुर रूहट्टा निवासी डॉ.डीसी मौर्या सहित सत्ताधारी नेताओं ने समाजसेवी के तौर पर कार्य कर रहे समाजवादी पार्टी के नेता और समाजसेवी अभिषेक यादव की विरुद्ध दबाव बना कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया। इसी बात से क़स्बावासियों में खासा आक्रोश व्यापत है।
जैसे ही यह खबर नईगंज वासियों को पता चली तो दर्जनों की संख्या में अधिवक्ता और उनके सहयोगी सिटी कोतवाली के पास पहुंचे और पुलिस प्रशासन से कहासुनी हो गयी। डॉक्टर डीसी मौर्या की मनमानी और अपने समाजसेवी के विरुद्ध दर्ज फर्जी मुक़दमें को खत्म करने की पुलिस से मांग की है। साथ ही प्रशासन द्वारा पक्षपात करते हुए समाजसेवी पर पुलिस द्वारा जान बूझकर दर्ज किये गए मुक़दमें पर सवालिया निशान उठाये हैं।
डॉ डीसी मौर्या के प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि हमने अपने जमीन में बाउंड्री और गेट बनवाया था जिसको अभिषेक यादव, पप्पू यादव, मनोज यादव ने गिरा दिया। और धमकी दी है। कस्बे के बाशिन्दों के मानें तो अभिषेक यादव पर बाउंड्री गिराने का तथ्यहीन आरोप लगा रहे है डॉ डीसी मौर्या. जबकि हकीकत कुछ और है, जिसने जमीन बेची है डॉ. डीसी मौर्या को उसने ही बाउंड्रीवाल गिरवा दिया है। डॉक्टर डीसी मौर्या भाजपा के नेताओं के कठपुतली है, और सत्ता के बल पर समाजवादी पार्टी के युवा नेता पर फर्ज मुकदमा दर्ज कराया है।
वहीं अभिषेक यादव ने बताया कि जिस समय मेरे पर फर्जी आरोप लगाया गया उस समय मैं दोस्तो के संघ एक होटल में खाना खा रहा था पुलिस विभाग और जिला प्रशासन चाहे तो मेरी गाड़ी, मोबाइल का लोकेशन निकाल लें. होटल पर लगे सीसीटीवी के फुटेज को भी चेक कर ले.