राहुल से जुड़े सूत्रों की माने तो राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा का बदला जाना लगभग तय होगया है । इस पद पर कौन काबिज होगा, इस पर मशक्कत जारी है । सूत्र कहते है कि इसके लिए किसी ब्राह्मण नेता की तलाश की जा रही है । यह चेहरा रघु शर्मा का भी हो सकता है और महेश जोशी का भी ।
दिल्ली नेतृत्व चाहता है कि इस कुर्सी को फिर से सचिन पायलट संभाले । लेकिन पायलट फिलहाल इसके लिए राजी नही है । उनको मनाने और समझाने की प्रक्रिया जारी है । यदि वे नही माने तो अशोक गहलोत अपने निकटतम रघु शर्मा या महेश जोशी में से किसी एक को इस कुर्सी पर बिठा सकते है।
ब्राह्मण के अलावा अन्य नाम पर भी चर्चा जारी है । दिल्ली नेतृत्व चाहता है कि मंत्रीमंडल विस्तार और संगठन में बदलाव का कार्य अगले माह में पूरा कर लिया जाए । यद्यपि प्रभारी अजय माकन की ओर से पूरे होमवर्क की सूची सौपी हुई है । लेकिन अब नए सिरे से नामों पर विचार किया जा रहा है।
ज्ञात हुआ है कि हरीश चौधरी और रघुवीर मीणा के नाम पर विचार चल रहा है । पायलट गुट अपने किसी व्यक्ति को पीसीसी चीफ बनवाना चाहता है । पायलट खेमे से हेमाराम चौधरी को भी इस कुर्सी पर काबिज करने की चर्चा है । इससे डोटासरा को हटाने की भरपाई हो जाएगी और जाटों की नाराजगी भी नही झेलनी पड़ेगी।
सूत्र बताते है कि आजकल दिल्ली दरबार मे एससी के एक कद्दावर नेता का नाम भी जबान पर है । इस नेता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने पर विचार किया जा रहा है । वैसे यह नेता गहलोत खेमे में शुमार है । लेकिन इसकी पायलट से भी दूरी नही है । ज्ञात हुआ है कि इस नेता को कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है।
जहां तक मंत्रीमंडल की बात है, इसका विस्तार भी होगा और पुनर्गठन भी । दिल्ली में बनाए जा रहे फार्मूले के तहत अशोक गहलोत के छह विश्वस्त मंत्रियों की बलि चढ़ सकती है । जिनको मंत्रीमंडल से हटाने पर विचार विचार किया जा रहा है उनमें प्रमोद जैन भाया, उदयलाल आंजना, बामनिया शामिल है ।
यदि रघु शर्मा को मंत्रीमंडल से हटाया जाता है तो उनका पीसीसी चीफ बनना लगभग तय है । जबकि प्रतापसिंह खाचरियावास और बीडी कल्ला का विभाग भी बदला जाना सुनिश्चित है । पायलट खेमे से चार मंत्री बनाया जाना लगभग तय हो चुका है । मुरारीलाल मीणा, दीपेंद्र सिंह, इन्द्रराज गुर्जर तथा हेमाराम चौधरी ।
चार मंत्रियों में से एक उप मंत्री या दो राज्य मंत्री, एक कैबिनेट तथा एक डिप्टी सीएम । अगर हेमाराम चौधरी पीसीसी चीफ नही बनते है तो उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है । गहलोत कोटे से भी एक डिप्टी सीएम बनने की चर्चा है जो एससी वर्ग से होगा ।
दिल्ली में पूरी मशक्कत हो चुकी है । शीर्ष नेतृत्व का अब पूरा फोकस राजस्थान पर है । यहां का झगड़ा समाप्त करना आलाकमान की पहली प्राथमिकता है । संभावना है कि श्राद्ध पक्ष समाप्त होने के साथ ही राजनीतिक निययुक्तिया और मंत्रीमंडल में त्वरित गति से बदलाव होगा ।