टी एन बी कॉलेज पूर्व छात्र समागम में शिक्षा मंत्री ने की घोषणा, कॉलेज ने चार मुख्यमंत्री सहित अनेक लेखक,अध्यापक और कलाकार दिए

टीएनबी कॉलेज को हैरिटेज का दर्जा दिलाने की कोशिश करेगी बिहार सरकार

Update: 2021-09-28 09:03 GMT

प्रसून लतांत

भागलपुर। भागलपुर का विख्यात टीएनबी कॉलेज केवल अंग प्रदेश का ही नहीं, बिहार का गौरव है। यहां से पढ़ कर निकले अनेक छात्रों ने शिखर तक पहुंचने की कामयाबी हासिल की है। चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो या पत्रकारिता या कला या नाटक या विज्ञान या समाज सेवा क्षेत्र हो। हालांकि 100 साल पुराना कोई भी संस्थान खुद ही हैरिटेज हो जाता है। ऐसे में टीएनबी कॉलेज को हैरिटेज का दर्जा मिलने में देर हो गई हो गई है। इस कालेज को जल्द से जल्द यह दर्जा मिले, इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। ये बातें बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने रविवार को टीएनबी कॉलेज में आयोजित छात्र समागम कही।


इस मौके पर मौजूद शिक्षा मंत्री विजय नारायण चौधरी ने भी कहा कि हैरिटेज बनाने को लेकर जो भी आगे की कार्रवाई सरकारी स्तर से होनी है, उसे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र सम्मेलन हर वर्ष आयोजित होना चाहिए। हमें अपने संस्थान को कभी नहीं भूलना चाहिए। बिहार में शैक्षणिक माहौल बदल रहा है। विश्वविद्यालय और कॉलेजों में संसाधन बढ़ाने के लिए सफल हो गए पूर्व छात्रों को आगे आना चाहिए । शिक्षकों को भी अपना शत-प्रतिशत संस्थान और छात्रों की बेहतरी के लिए देना चाहिए। अतिथियों ने टीएनबी कॉलेज के इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रवि शंकर चौधरी और सुधांशु शेखर की पुस्तक "हिंद स्वराज एक विमर्श" का विमोचन भी किया।


टी एन बी कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने कहा कि कॉलेज के छात्रों का डाटा बैंक बन रहा है। इससे संस्थान को फायदा होगा। उन्होंने मांग की कि स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए टीएनबी कॉलेज हर कसौटी पर खरा उतरता है। इसे यह दर्जा मिलना चाहिए। शिक्षा मंत्री ने प्राचार्य से कहा कि इसकी प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज शिक्षा विभाग को भेजे। मंच संचालन डॉक्टर जनक श्रीवास्तव और मनोज कुमार ने किया।


धन्यवाद ज्ञापन तिलका मांझी भागलपुर विश्व विद्यालय के कुलानुशासक डॉ रतन कुमार मंडल ने किया । मौके पर पूर्व कुलपति प्रोफेसर एके राय, नंद कुमार यादव, जे पी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर फारूक अली, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ निरंजन प्रसाद यादव कॉलेज इंस्पेक्टर डॉक्टर संजय कुमार झा, सीसीसी के एम् सिंह, डॉक्टर श्वेता पाठक , डॉ गरिमा त्रिपाठी, डॉ सुमन कुमार, डॉ अनिरुद्ध कुमार, डा राजेश कुमार तिवारी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। गौरतलब है कि 138 साल पहले पुराने कॉलेज का वर्तमान भवन1920 में बना था। इसे हैरिटेज बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। भवन निर्माण विभाग ने इसके लिए कॉलेज को 20 अगस्त को जरूरी डॉक्यूमेंट देने को कहा था। टी एन बी कॉलेज उसे चुका है।

भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल ने कहा कि बिहार सरकार जिले के सभी कॉलेजों और स्कूलों में संसाधन बढ़ाएं। भागलपुर नगर के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि टी एन बी ने भागवत झा आजाद, जगन्नाथ मिश्र, सतीश प्रसाद, दरोगा प्रसाद राय जैसे छात्र दिए हैं, जो बिहार के मुख्यमंत्री हुए हैं। यहां के पूर्व छात्र शिवचंद्र झा बिहार विधानसभा अध्यक्ष हुए थे। बिहार विधान परिषद के सदस्य संजीव कुमार सिंह ने मांग की कि एक नीति बननी चाहिए ताकि पूर्व छात्र कालेज को सीधे सहयोग कर सकें।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के तर्ज पर ही कॉलेजों के लिए की भी ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। सुल्तानगंज के विधायक डॉ ललित मंडल ने कहा कि वे टीएनबी की बेहतरी के लिए विधानसभा में भी आवाज उठाएंगे। गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल ने शिक्षा मंत्री से कहा कि यहां के हॉस्टल की समस्याओं को दूर करें। पीरपैंती के विधायक ललन पासवान ने कहा कि हर संस्थान में जनसंपर्क पदाधिकारी होना चाहिए। कहलगांव के विधायक पवन यादव ने अंगिका भाषा में संबोधन किया।

उद्घाटन के बाद एक अन्य सत्र में पूर्व छात्र और पलामू के कमिश्नर जटाशंकर चौधरी ने कहा कि किसी भी कॉलेज की छवि यहां के विद्यार्थियों के आचरण से बनती है। पूर्व कुलपति प्रोफेसर अवध किशोर राय ने कहा कि मैं जो हूं, वह टी एन बी कॉलेज की वजह से हूं । यह वर्षों से सरकार और संस्कृति का उद्गम स्थल रहा है । केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर नंद कुमार यादव ने कहा कि इस कॉलेज में उन्हें शिक्षा के साथ जीवन के संस्कार और मूल्य को भी सीखने का मौका मिला ।

अभिनेता कैसर जानी ने कहा कि वे कॉलेज के सबसे पुराने छात्र हैं। उन्हें चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, इसका श्रेय इस कॉलेज को जाता है। डॉ एस एन पांडे ने भी कॉलेज से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। स्पेशल कवरेज न्यूज़ के सलाहकार संपादक प्रसून लतांत ने कहा कि कॉलेज के गरिमामय इतिहास को देखते हुए कॉलेज परिसर में एक संग्रहालय बनाया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस कॉलेज में पढ़ने आने वाले विद्यार्थी कॉलेज के इतिहास को भली भांति जान सके। पवन कुमार सिंह ने कहा कि कॉलेज हमेशा अपने विद्यार्थियों के विकास पर ध्यान देता रहा है।



 


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