मध्य प्रदेश के दमोह जिले से दमोह के पटेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पड़री सहजपुर गांव में अंधविश्वास में जकड़े ग्रामीण महेंद्र चौधरी ने अपनी उंगली काट कर देवी मां को चढ़ा दी। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि उंगली काटने वाले शख्स का कहना है कि उसे इससे किसी भी तरह की तकलीफ नहीं हो रही है।
उसका कहना है कि उसकी पत्नी को बच्चे ना होने के कारण उसने देवी मां से मन्नत मांगी थी। उसका यह भी कहना है कि उसकी मन्नत तो 10 साल पहले ही पूरी हो चुकी थी, लेकिन वह देवी मां से किया वादा भूल गया था। एक सप्ताह पहले ही उसे अपना वादा याद आया जिसे उसने आज पूरा कर दिया।
चौधरी का कहना है कि उसे उंगली काटने के बाद कोई तकलीफ नहीं है। फिलहाल महेन्द्र को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसकी स्थिति सामान्य है। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया 'महेंद्र ने 10 साल पहले मरई माता के मंदिर में गया था। महेंद्र को उस समय कोई संतान नहीं थी। संतान की कामना के लिए उसने मंदिर में प्रार्थना की और वहीं पर उसने यह कसम खाई थी कि जब उसे पुत्र पैदा होगा तो वह अपनी उंगली काट कर मंदिर में चढ़ा देगा। आज 10 साल बाद महेंद्र उसी मरई माता मंदिर में गया और उसने कुल्हाड़ी से अपनी उंगली काट कर वहां चढ़ा दी।