पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, जानें क्या है मामला
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने एडिशनल सेशन जज एसके सिंगला की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया को 23 फरवरी तक राहत देते हुए उसके बाद समर्पण करने के आदेश दिए थे।
बता दें, मजीठिया के खिलाफ बीती 20 दिसंबर को ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन ने मोहाली स्टेट क्राइम पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद वह अंडरग्राउंड हो गए थे। मजीठिया ने जमानत के लिए पहले मोहाली की अदालत में याचिका दायर की, लेकिन याचिका रद हो गई। इसके बाद मजीठिया ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया, लेकिन हाईकोर्ट ने बीती 24 जनवरी को मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके बाद मजीठिया सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया को 23 फरवरी को अदालत में पेश होकर आत्मसमर्पण कर नियमित जमानत के लिए आवेदन करने को कहा था। मजीठिया के खिलाफ यह मामला राज्य में मादक पदार्थ रैकेट की जांच से संबंधित 2018 की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में राज्य की अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस थाने में 49 पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की थी।
बिक्रम सिंह मजीठिया से विशेष जांच दल (एसआइटी) ने 12 जनवरी को मादक पदार्थ मामले में दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। एसआइटी मजीठिया के खिलाफ मादक पदार्थ निषेध संबंधित एनडीपीएस कानून के तहत दर्ज मामले में छानबीन कर रही है। पूछताछ के बाद मजीठिया ने कहा था कि उन्होंने जांच अधिकारियों को इस मामले में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया। मजीठिया के वकील दमनबीर सिंह सोबती ने कहा था कि राज्य के पूर्व मंत्री जांच में हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है।
दरअसल, मजीठिया अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। इस सीट पर उनका मुकाबला पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू से है। मजीठिया से पूछताछ के लिए जांच टीम (एसआइटी) ने समय मांगा। अदालत ने कोर्ट परिसर के एक कमरे जांच टीम को पूछताछ के लिए एक घंटे का समय दे दिया है। एसआइटी में शामिल एआइजी बलराज सिंह व उनकी टीम मजीठिया से पूछताछ में जुटी है। दोपहर बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।