Gandhi Peace Prize: गीताप्रेस को मिलेगा 2021 का गांधी शांति पुरस्कार
अपनी स्थापना का 100 वर्ष पूरा कर रही 1923 में स्थापित यह संस्था आध्यात्मिक पुस्तकों का प्रकाशन करती है, और विश्व की जानी मानी संस्था है।
2021 का गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर के गीता प्रेस को दिया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को यह घोषणा की। गीता प्रेस को अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में योगदान के लिए पुरस्कार के लिए चुना गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को पुरस्कार के लिए चुना है।
जानिए प्रधानमन्त्री मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने शांति और सामाजिक सद्भाव के गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने में गीता प्रेस के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस को अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना सामुदायिक सेवा में किए गए कार्यों की सराहना करना है।
पीएम ने कहा, गांधी शांति पुरस्कार 2021, मानवता के सामूहिक उत्थान में योगदान देने के लिए गीता प्रेस के महत्वपूर्ण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देता है, जो सच्चे अर्थों में गांधीवादी जीवन शैली का प्रतीक है।
सीएम योगी ने ट्वीट कर बधाई दी
गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके बधाई दी है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, "भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार' प्राप्त होने पर हृदय से बधाई। स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा। इसके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार।
विश्व के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है गीता प्रेस
1923 में स्थापित गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 15 भाषाओं में 93 करोड़ से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इनमें लगभग 16 करोड़ श्रीमद भगवद गीता हैं। गांधी शांति पुरस्कार के तहत एक करोड़ रुपए नकद,एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा वस्तु दी जाती है।