असली जैसे नकली नोट छापने वाले गैंग का खुलासा, मास्टरमाइंड समेत सात लोगों गिरफ्तार, जानें कैसे सीखा था तरीका

Update: 2022-01-08 07:20 GMT

गाजियाबाद में नकली नोट छापने वाले गैंग का स्वाट टीम ने बड़ा खुलासा किया है। जिसमें मास्टरमाइंड समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी नगर कोतवाली क्षेत्र के इस्लामनगर से नकली नोटों का धंधा चला रहे थे। इनके कब्जे से 6.59 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं। इनमें 100 से लेकर 2000 के नोट शामिल हैं। गैंग के मास्टरमाइंड ने नकली नोट बनाने का तरीका यू-ट्यूब से सीखा था और करीब चार महीने में वह नकली नोट बनाने का एक्सपर्ट हो गया था। पुलिस का कहना है कि देश की अन्य एजेंसियों को भी सूचना दे दी गई है।

एएसपी आकाश पटेल ने बताया कि स्वाट टीम को इस्लामनगर निवासी यूनुस के मकान में नकली नोट बनाए जाने की सूचना मिली थी। छापेमारी की गई तो मकान से 6.59 लाख के नकली नोट, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर और कागज के बंडल बरामद हुए। मौके से यूनुस के अलावा नगर कोतवाली के कालकागढ़ी निवासी अमन, मोती मस्जिद के पीछे कैलाभट्टा निवासी रहबर व सोनू उर्फ गंजा, चमन कॉलोनी निवासी आजाद, लालकुआं स्थित राज कंपाउंड निवासी आलम उर्फ आशीष तथा विजयनगर के पुराना कैलाश नगर निवासी फुरकान अब्बासी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, आठवीं पास आजाद गिरोह का मास्टरमाइंड है। आजाद, सोनू और यूनुस नकली नोट बनाने का काम करते थे, जबकि बाकी आरोपी नकली नोटों को बाजार में चलाने का काम करते थे।

पुलिस का कहना है कि नकली नोट चलाने के लिए आरोपी बाजारों के छोटे दुकानदारों से संपर्क करते थे। पैठ बाजार में ठेली-पटरी वाले दुकानदार इनके निशाने पर रहते थे। आरोपी रहबर का भाई घंटाघर मार्केट में चूड़ियों की दुकान करता है। इस दुकान के जरिये ग्राहकों को बड़ी तादाद में नकली नोट खपाए जाते थे। रहबर का भाई असली नोटों के बीच में नकली नोट रखकर ग्राहकों को थमा देता था।

पूछताछ में मास्टरमाइंड आजाद ने बताया कि कुछ समय पहले उसने पेट्रोल पंप पर एक व्यक्ति से रुपये खुले करवाए थे। उसने उसे नकली नोट थमा दिए। पता लगने पर उसने बाजार में वो नोट चलाने कोशिश की तो नकली नोट चल गए, जिसके बाद उसके दिमाग में नकली नोट बनाने का विचार आया। एएसपी सदर ने बताया कि मई 2021 में उसने यू-ट्यूब से नकली नोट बनाने का तरीका जाना। करीब चार महीने की ट्रेनिंग के बाद वह नकली नोट बनाने का एक्सपर्ट हो गया। इसके बाद उसने अन्य साथियों के साथ मिवकर नकली नोट बनाना और उन्हें बाजार में चलाना शुरू कर दिया। 

एएसपी ने बताया कि आरोपी नकली नोट बनाने में मोल्ड कागज का इस्तेमाल करते थे। इसके अलावा नोट छपने के बाद आरोपी उस पर हरे रंग की बर्थ-डे टेप काटकर चिपका देते थे, ताकि हरी लाइन स्पष्ट दिखाई दे और लोग नोट को असली समझ लें। आरोपी नकली नोट इस तरह तैयार करते थे कि असली नोटों के बीच में कोई भी व्यक्ति आसानी से उसे पकड़ न सके। एएसपी का कहना है कि अभी तक किसी बाहरी संगठन या विदेशी ताकत से आरोपियों का कोई लिंक सामने नहीं आया है। फिर भी देश की एजेंसियों को सूचना दे दी गई है।

एएसपी ने बताया कि आरोपी एक हजार के बदले तीन हजार रुपये के नकली नोट देते थे। मुखबिर से सूचना मिलने पर स्वाट टीम का एक सदस्य नोटों की सौदाबाजी करने भेजा गया था। आरोपियों ने कहा था कि डेढ़ लाख रुपये के बदले साढ़े चार लाख रुपये के नकली नोट दे दिए जाएंगे। सूचना पुख्ता होने के बाद मौके पर छापेमारी की गई थी। एएसपी का कहना है कि आरोपी बाजार में करीब 12 लाख रुपये खपा चुके हैं।

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