मीठी-मीठी बातों से सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ढगी करने वाली चार लड़कियों को गाजियाबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानें- पूरा मामला
आरोपित करीब 6 महीने से ठगी का गैंग चला रहे थे।
गाजियाबाद : कोरोना के असर से कई लोगों की नौकरी छूटी। ऐसे में काम की तलाश में लोगों ने ऑनलाइन नौकरी खोजने की वेबसाइट पर प्रोफाइल बनाए। लोग नौकरी मिलने की आस में थे, वहीं 12वीं पास एक शातिर ने इन लोगों से ठगी की साजिश रच डाली।
आरोपित ने इन लोगों का डेटा चुराना शुरू किया, फिर कमीशन का लालच देकर अपने गैंग में कुछ लड़कियों को शामिल कर लिया। इसके बाद धीरे-धीरे 500 से ज्यादा लोगों से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई।
चार लड़कियां भी गिरफ्तार
शिकायत मिलने पर गाजियाबाद साइबर सेल व टीला मोड़ पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर मंगलवार दोपहर गगन विहार के पास गिरोह के मास्टरमाइंड अनुज कुमार गांधी और चार लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया। इनसे 9 मोबाइल, 96 पन्नों में लोगों का डेटा, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड व आधार कार्ड मिले हैं। पुलिस फरार आरोपित गौतम की तलाश कर रही है।
गिरफ्तार लड़कियों में से तीन हैं ग्रैजुएट
आरोपित करीब 6 महीने से ठगी का गैंग चला रहे थे। लोगों को फोन कर नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता था। 5 हजार रुपये लेने से शुरुआत की जाती थी। इसके बाद बीमा व ऑनलाइन इंटरव्यू या अन्य बहाने बनाकर उनसे और रुपये लिए जाते थे। गिरफ्तार की गईं लड़कियों में 1 हाईस्कूल पास है, वहीं अन्य तीन ग्रैजुएट हैं।
ठगी का गैंग चलाने की सूचना मिली थी। गैंग के सरगना अनुज गांधी निवासी मौसम विहार और दिल्ली में रहने वालीं सना, नगमा व शिवा और रुखसार निवासी पसौंडा को गिरफ्तार किया गया है। सभी ने 500 से ज्यादा लोगों से तीन करोड़ रुपये से भी अधिक की ठगी नौकरी दिलाने के नाम पर की है। - अभय कुमार मिश्रा, सीओ इंदिरापुरम
किराए पर लेते थे खाता
बदमाश ने ठगी के रुपये जमा करवाने के लिए कुछ लोगों से खाते किराए पर लिए थे। इसके बदले वह उन लोगों को जमा हुई राशि का 20 प्रतिशत कमीशन देता था। ठगी की रकम को आरोपित कटिंग बोलते थे, जिसमें गिरोह में शामिल सभी लोगों का कमीशन तय था।
ठगी के बाद बंद कर देते थे फोन
सीओ साइबर सेल ने बताया कि सूचना मिली थी कि तुलसी निकेतन क्षेत्र में कुछ लोग नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। छापा मारकर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए लोग फर्जी आर्डडी पर सिम खरीदते थे। ठगी के बाद फोन बंद कर देते थे।