योगी सरकार ने मानी वकीलों की मांग, एसआईटी में शामिल हुए रिटायर्ड चीफ जस्टिस
अधिवक्ताओं के विरोध के बाद योगी सरकार ने वकीलों की मांग मान ली है। पढ़िुए पूरी खबर
Lucknow News: यूपी में इन दिनों अधिवक्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हापुड़ में वकीलों पर पुलिस लाठीचार्ज की घटना की जांच के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एसआईटी का गठन किया था लेकिन, अधिवक्ताओं के विरोध के बाद सरकार ने जांच कमेटी में एक और सदस्य को शामिल किया है। परिवार न्यायालय लखनऊ के रिटायर प्रधान न्यायाधीश हरिनाथ पांडे को नमित किया गया है। चार सदस्यीय जांच कमेटी को घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
क्या है पूरा मामला
हापुड़ की एक घटना ने पूरे प्रदेश को हड़ताल की आग में धकेल दिया था। दरअसल, एक महिला वकील अपने पिता के साथ कार से कहीं जा रहीं थी। सड़क किनारे खड़ी उनकी कार को एक सिपाही की बाइक से टक्कर लग गई। इस पर दोनों के बीच विवाद हो गया। महिला वकील ने सिपाही का बैज नोच लिया था। विवाद बढ़ने पर सिपाही ने थाने से फोर्स बुला लिया। पुलिस ने महिला वकील और उनके पिता को थाने ले गई। इस बात की जानकारी होने पर हापुड़ कचहरी से बड़ी संख्या में वकील थाने पर जमा हो गए और रास्ता जाम कर हंगामा करने लगे। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया। आरोप है कि वकीलों ने भी पथराव किया। इस घटना में दोनों ओर के लोगों को चोटें आई थीं। उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल कराना पड़ा था।
एसआईटी का वकीलों ने किया था विरोध
इस घटना का विरोध पूरे प्रदेश के वकीलों ने किया। वे हड़ताल पर जाने के साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने और घायल वकीलों को मुआवजा देने की मांग करने लगे। यूपी की योगी सरकार ने वकीलों की मांग पर एक एसआईटी का गठन कर दिया। उसमें मेरठ की कमिश्नर को अध्यक्ष, मेरठ के आईजी और मुरादाबाद के डीआईजी को सदस्य बनाया गया। सरकार के इस कमेटी का वकीलों ने विरोध शुरू कर दिया। उनका तर्क था कि इसमें कोई न्यायिक सदस्य नहीं है। जिसके बाद योगी सरकार ने एक न्यायिक सदस्य को एसआईटी में शामिल करने का फैसला किया। ये कमेटी अब चार सदस्यीय होगी। इसमें मेरठ की कमिश्नर, मेरठ के आईजी, मुरादाबाद के डीआईजी के अलावा परिवार न्यायालय लखनऊ के रिटायर प्रधान न्यायाधीश हरिनाथ पांडे को शामिल किया गया है।