Hathras Stampede: 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया हाथरस कांड का आरोपी देव प्रकाश मधुकर

Hathras Stampede: हाथरस कांड के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

Update: 2024-07-06 14:07 GMT

Hathras Stampede: हाथरस हादसे के आरोपी देव प्रकाश मधुकर को शनिवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया. जहां हाथरस न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने देव प्रकाश मधुकर को 14 दिन की न्याय हिरासत में भेज दिया. बता दें कि हाथरस की सिकंदराराऊ तहसील के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे. घायलों में से दो लोगों ने और दम तोड़ दिया. इसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 123 हो गई. सत्संग के आयोजनकर्ता और घटना के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने शुक्रवार को दिल्ली में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. उसके बाद हाथरस पुलिस की एसओजी टीम ने उसे गिरफ्तार कर शनिवार को हाथरस कोर्ट में पेश किया.

देव प्रकाश मधुकर ने ली थी सत्संग की परमिशन

इस बीच हाथरस के एसपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि देव प्रकाश मधुकर ही मुख्य आयोजक था. उसी ने सत्संग के लिए परमिशन ली थी. कार्यक्रम के लिए फंड जुटाने में भी उसी की भूमिका है. वह मनरेगा का जूनियर इंजीनियर था. हाथरस कांड को लेकर न्यायिक आयोग की टीम ने घटना स्थल का दौरा किया. इस दौरान बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमने पूरे घटनास्थल का निरीक्षण किया है, साथ ही सबकुछ नोट भी कर लिया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि देव प्रकाश मधुकर के अलावा दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी से पहले 6 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था. कुल मिलाकर इस घटना के मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

2 जुलाई को मची थी सत्संग के दौरान भगदड़

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद की सिकंदराराऊ तहसील के फुलरई गांव में 2 जुलाई को भोले बाबा ने सत्संग किया था. सत्संग के बाद जब भोले बाबा वहां से जाने लगे तो भक्तों ने उनकी चरण रज लेने की होड़ सी लग गई. इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई. जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई. जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए. इस भगदड़ में लापरवाही साफ देखने को मिली. क्योंकि आयोजनकर्ताओं ने सत्संग में सिर्फ 80 हजार लोगों के शामिल होने की परमिशन मांगी थी लेकिन इससे तीन गुना ज्यादा यानी 2.50 लाख लोग सत्संग में शामिल होने पहुंच गए.

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