ताजमहल के दरवाजे खोलने वाली याचिका की सुनवाई टली, जानिए कौन दाखिल किया है ये याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में ताजमहल के बंद 20 कमरों को खोलने का निर्देश देने की मांग की गई है। आज याचिका पर सुनवाई होने वाली थी, जिसे इलाहाबाद में वकीलों की हड़ताल के बाद फिलहाल टाल दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होने की सम्भावना है। ताजमहल के इतिहास जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन की मांग वाली याचिका आज जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ में सूचीबद्ध थी।
अयोध्या के डॉ. रजनीश सिंह भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता है। उनकी ओर से ही यह याचिका दायर की गई है। इसमें ताजमहल को शिव मंदिर तेजोमहालय बताते हुए इसके 20 बंद कमरों को खोलने का निर्देश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से सरकार को एक समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग की गई है, जो सच्चाई का पता करे।
याचिका में कहा गया है कि ताजमहल परिसर का सर्वेक्षण जरूरी है, जिससे शिव मंदिर होने या ताजमहल होने की वास्तविकता का पता लगाया जा सके। समिति इन कमरों की जांच करे और स्थिति स्पष्ट करे कि वहां हिंदू मूर्तियां या धर्मग्रंथों से संबंधित सबूत हैं या नहीं।
याचिका में कुछ इतिहासकारों का हवाला भी दिया गया है। कहा गया है कि ताजमहल की चार मंजिला इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं, जो स्थायी रूप से बंद हैं। पीएन ओक और कई इतिहासकारों का मानना है कि उन कमरों में शिव का मंदिर है।