मणिपुर हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने की बड़ी कार्रवाई, 9 मैतई उग्रवादी संगठनों को किया बैन
गृह मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। 9 मैतई उग्रवादी संगठनों को बैन कर दिया है।
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने आज बड़ी कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर घातक हमले करने को लेकर नौ मैतेई चरमपंथी संगठन और उनके सहयोगी संगठनों पर बैन कर दिया है। गृह मंत्रालय के सूचना के मुताबिक जिन समूहों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है उनमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (MPA) शामिल है।
इनमें पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) और इसकी सशस्त्र शाखा रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), इसकी सशस्त्र शाखा जिसे रेड आर्मी भी कहा जाता है, कांगलेई याओल कनबा लुप (KYKL), कोआर्डिनेशन कमेटी (कोरकॉम) और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक (ASUK) भी शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने की बड़ी कार्रवाई
गृह मंत्रालय ने पीएलए, यूएनएलफ, पीआरईपीएके, केसीपी, केवाई केएल को कई साल पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) के तहत गृह मंत्रालय ने बैन लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि केंद्र सरकार की राय है कि यदि मैतई चरमपंथी संगठनों पर तत्काल अंकुश और नियंत्रण नहीं किया गया तो उन्हें अपनी अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने कैडर को संगठित करने का अवसर मिलेगा।
भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक ताकतों के साथ मिलकर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का प्रचार करेंगे, लोगों की हत्याओं में शामिल होंगे और पुलिस तथा सुरक्षाबलों के जवानों को निशाना बनाएंगे।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए अधिसूचना के मुताबिक अंकुश न लगाए जाने की स्थिति में ये समूह और संगठन अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार से अवैध हथियार और गोला-बारूद हासिल करेंगे। अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जनता से भारी धन की वसूली करेंगे। इसमें कहा गया कि परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार की राय है कि मैतई चरमपंथी संगठनों को... 'गैरकानूनी संगठन' घोषित करना आवश्यक है और इस प्रकार, केंद्र सरकार निर्देश देती है कि यह अधिसूचना 13 नवंबर, 2023 से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगी।