भारतीय रेल की सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक "हावड़ा कालका" मेल का नाम बदला, रेल मंत्री ने ट्वीट कर दी इसकी जानकारी

Update: 2021-11-22 13:39 GMT

रेलवे ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर बड़ा ऐलान किया है। हावड़ा-कालका मेल का नाम अब नेताजी एक्‍सप्रेस होगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। रेल मंत्री ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्राकट्य ने भारत को स्वतंत्रता और विकास के एक्सप्रेस मार्ग पर आगे बढ़ाया था। मैं उनकी जयंती के मौके पर नेताजी एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ बेहद रोमांचित हूं।

हावड़ा कालका मेल भारतीय रेल की सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक है। 80 साल पहले इसी ट्रेन से नेताजी सुभाष चंद्र बोस गुम हुए थे। मंगलवार को रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर कोचिंग राजेश कुमार ने इससे जुड़ा आदेश जारी दिया। 

एक जनवरी 1866 को कालका मेल पहली बार चली थी। उस वक्त इस ट्रेन का नाम 63 अप हावड़ा पेशावर एक्सप्रेस था। 18 जनवरी 1941 को फिरंगियों को चकमा देकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस इसी ट्रेन पर धनबाद जिले के गोमो जंक्शन से सवार होकर निकले थे। नेताजी की यादों से जुड़ी होने के कारण ही रेलवे ने कालका मेल का नामकरण नेताजी एक्सप्रेस के रूप में किया है।



इससे पहले तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 23 जनवरी 2009 को धनबाद जिले के गोमो जंक्शन का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो किया था। हावड़ा कालका मेल अभी स्पेशल ट्रेन बनकर चल रही है। इस ट्रेन के नियमित बनकर चलने के साथ ही इसके नाम में बदलाव प्रभावी होगा। अभी 02311 अप और 02312 डाउन बनकर चल रही ट्रेन अपने पुराने नंबर 12311 अप और 12312 डाउन नेताजी एक्सप्रेस बनकर चलेगी।

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