भारतीय नौसेना ने दिखाया अपना पराक्रम, बंगाल की खाड़ी में किया ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण
भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।
Brahmos Missile: भारतीय नौसेना ने एक फिर से दुश्मनों का अपना दमखम दिखाया है। भारतीय नौसेना ने आज यानी कि बुधवार को बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। आपको बता दें कि ब्रह्मोस भारत की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है। यह मिसाइल 200 किलोग्राम वजन के परमाणु बम ले जाने में सक्षम हो गई है। इसकी रेंज में चीन और पाकिस्तान का पूरा क्षेत्र आ चुका है। ब्रह्मोस की जमीन से जमीन पर मार करने वाले वर्जन की मारक क्षमता अब 450 किलोमीटर तक हो गई है।
यहां जानिए क्या है इस मिसाइल की खासियत
- 4300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से करती है दुश्मनों पर हमला।
- 1.20 किलोमीटर प्रति सेकेंड है इसकी रफ्तार।
- 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम।
- रैमजेट इंजन इसे घातक, सटीक और तेज बनाता है।
- ब्रह्मोस हवा में ही अपनी दिशा और निशाना बदलने में सक्षम है।
- ब्रह्मोस दुश्मन के राडार को चकमा देने में भी तेज है।
- 28 फीट लंबी है ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल।
- 450 किलोमीटर तक करेगी मार।
- 200 किलोग्राम परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम।
- 800 किलोमीटर तक इसी रेंज को घटा बढ़ा सकते हैं।
- 3000 किलोग्राम है ब्रह्मोस मिसाइल का वजन।
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वायुसेना भी कर चुकी है ब्रह्मोस का परीक्षण
इससे पहले भारतीय वायुसेना ने भी बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एयर लॉन्च वर्जन का सफल परीक्षण कर चुका है। वायुसेना ने ये परीक्षण अक्टूबर में किया था। जिसे स्वदेशी हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता माना गया।
सुखोई लड़ाकू विमान से किया गया था परीक्षण
अक्टूबर में भारतीय वायुसेना द्वारा सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस एयर-लॉन्च वर्जन मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। भारतीय वायुसेना का सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता से लैस है। जो लंबी दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है।
इस मिसाइल परीक्षण के बाद रक्षा अधिकारियों ने समाचार एजेंसी को बताया था कि पिछले कुछ दिनों में ब्रह्मोस हवा से प्रक्षेपित मिसाइल को सुखोई 30MKI फाइटर जेट से लॉन्च किया गया था। जेट ने दक्षिणी प्रायद्वीप में एक हवाई अड्डे से मिसाइल के साथ उड़ान भरी थी और एक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक हमला करते हुए 1,500 किमी से ज्यादा की यात्रा की।