CSK vs KKR Final: चेन्नई चौथी बार बना आईपीएल "सुपर किंग", केकेआर को फाइनल में 27 रन से हराया
फाइनल में चेन्नई सुपर ने किंग्स कोलकाता नाइट राइडर्स को 27 रन से हराकर चौथी बार आईपीएल चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया.
Chennai vs Kolkata, Final: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) के तहत शुक्रवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए इस साल के फाइनल में चेन्नई सुपर ने किंग्स कोलकाता नाइट राइडर्स को 27 रन से हराकर चौथी बार आईपीएल चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. चेन्नई से जीत के लिए मिले 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए केकेआर के दोनों ओपनरों शुबमन गिल और वेंकटेश अय्यर ने पहले विकेट के लिए 91 रन जोड़कर एक वैसी शुरुआत दी, जिसकी केकेआर को जरूरत थी, लेकिन एक बार ये दोनों आउट क्या हुए कि फिर कोई भी बल्लेबाज जरूरत के मौके पर इन दोनों के रखे मजबूत आधार को मजबूती नहीं दे सका.
हालात इतने खराब रहे कि दोनों ओपनरों के आउट होने के बाद केकेआर के अगले छह बल्लेबाज दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके,तो उसकी रणनीति भी पूरी तरह से समझ से परे रही. पूरे टूर्नामेंट में प्रचंड फॉर्म में रहे राहुल त्रिपाठी जैसे बल्लेबाज को नंबर आठ पर बैटिंग के लिए भेजना इस बात का सबूत रहा कि केकेआर की रणनीति दिशा से भटक गयी. और जब लगातार नियमित अंतराल पर कभी ठाकुर, तो कभी रवींद्र जडेजा विकेट चटकाते रहे, तो साफ हो गया कि केकेआर की खिताबी जीत बहुत ही मुश्किल हो चली है.
और यह आखिर में हुई भी और सबसे बड़ी जरूरत के समय न उसके कप्तान इयॉन मोर्गन ही पिच पर टिक सके और न ही दिनेश कार्तिक और न ही कोई और बल्लेबाज. नतीजा यह रहा कि केकेआर की पूरी टीम कोटे के 20 ओवरों में 9 विकेट पर 165 रन ही बना सकी और जीत से मीलों दूर मतलब 27 रन दूर रह गयी. इसी के साथ ही चेन्नई सुपर किंग्स के प्रशंसक जश्नन में डूब गए. फैफ डु प्लेसी को मैन ऑफ द मैच चुना गया.
पावर-प्ले (शुरुआती 6 ओवर): छूटा कैच, केकेआर की मौज
इसमें दो राय नहीं कि केकेआर ने तुलनात्मक रूप से बेहतर शुरुआत की. और मौका भी ठीक उसने चेन्नई को वैसा दिया, जैसा ऋतुराज ने दिनेश कार्तिक को दिया था. तब कार्तिक चूके और चूक गए चेन्नई कप्तान धोनी, जिन्होंने हैजलवुड के दूसरे ओवर में आसान कैच छोड़ दिया. कैच क्या छूटा, वेंकटेश की एप्रोच पूरी तरह बदल गयी और गिल ने पारी की पहली ही गेंद पर चाहर को पुल से मिडविकेट के बाहर भेजकर इरादे पूरी तरह से साफ कर दिए थे. बहरहाल, चाहर तीसरा ओवर लेकर आए, तो वेंकटेश ने दो चौके जड़े और यहां से तो बाउंड्रियां नियमित अंतराल पर आती ही रहीं. कभी शुममन गिल का बेहतरीन कवर ड्राइव, तो वेंकटेशन के स्कवॉयर ड्राइव. दोनों ज्यादा विश्वसनीय और गतिमान भी दिखे. दोनों ने छह ओवर खत्म होने तक अगला मौका भी नहीं दिया और पावर-प्ले में रन बना दिए मिलकर 55 रन. वेंकटेश के थे 18 गेंदों पर 31, तो गिल के थे 18 गेंदों पर 22 रन. मतलब जैसी शुरुआत इन ओवरों में चाहिए थी, वैसी मिल चुकी थी.
इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए केकेआर के सामने जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य रखा. बैटिंग का न्योता पाने के बाद थोड़ी धीमी शुरुआत के बाद चेन्नई के दोनों ओपनरों ऋतुराज गायकवाड़ (32 रन, 27 गेंद, 3 चौके, 1 छक्का) और फैफ डु प्लेसी (86 रन, 59 गेंद, 7 चौके, 3 छक्के) ने पहले विकेट के लिए 61 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दी. गायकवाड़ लौटे, तो एक छोर पर रन बरसाने का जिम्मा बिल्कुल सही समय पर बरसे फैफ ने ले लिया और तब तक केकेआर के गेंदों की धुलाई करते रहे, जब तक पारी की आखिरी गेंद पर आउट नहीं हो गये.
लेकिन आउट होने से पहले फैफ ने केकेआर के होश फाख्ता जरूर कर दिए. चेन्नई की पारी खास बात यह रही कि हर बल्लेबाज ने योगदान दिया. और रॉबिन उथप्पा (31 रन, 15 गेंद, 3 छक्के) और मोईन अली (नाबाद 37 रन, 20 गेंद, 2 चौके, 3 छक्के) ने भी सीनियर पार्टनर फैफ को अच्छा सहारा दिया और चेन्नई की बल्लेबाजी पहली बार टूर्नामेंट में सबसे जरूरत के मौके पर एक ईकाई के रूप में खेली. विकेट उसके सिर्फ दो ही गिरे, लेकिन पारी खत्म होते-होते सुपर किंग्स ने कोटे के 20 ओवरों में 2 विकेट पर 192 का ऐसा स्कोर खड़ा कर दिया, जिसे छूने के लिए केकेआर को बहुत ज्यादा दिक्कतें आ सकती हैं.