Jammu and Kashmir Assembly Elections: महबूबा मुफ्ती की पार्टी को बड़ा झटका, सुहैल बुखारी ने पार्टी से दिया इस्तीफा
Jammu and Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में सितंबर महीने में लगभग 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है. इस बीच महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को बड़ा झटका देते हुए सुहैल बुखारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
Jammu and Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इसे लेकर घोषणा भी की जा चुकी है. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है. जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को चुनाव होगा. वहीं वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. इस बीच महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता सुहैल बुखारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखानी ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वह 2019 में पीडीपी-भाजपा सरकार के पतन के बाद पार्टी में शामिल हुआ था. इन पांच सालों में पार्टी के विचारों को मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की, पार्टी के कार्यकर्ताओं को जोड़कर रखा.
सुहैल बुखानी ने पीडीपी से दिया इस्तीफा
हम पार्टी के मुश्किल वक्त में उनके साथ रहे, लेकिन आज हमें नजरअंदाज किया जा रहा है. बुखारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो लोग पार्टी के साथ कठिन समय में जुड़ा रहा, आज विधानसभा चुनाव को लेकर उनसे सुझाव तक नहीं मांगे जा रहे हैं. यह स्थिति निराशाजनक है. मैं इस पार्टी में अलग सिद्धांतों के साथ जुड़ा था, जो अब कहीं ना कहीं अपने सिद्धांत से भटक चुका है. पार्टी का माहौल बदल चुका है और अब इससे मुझे बैचेनी हो रही है. जिसकी वजह से मैंने पार्टी से इस्तीफा दिया.
हरबख्श ने भी पीडीपी से दिया इस्तीफा
सुहैल बुखारी के अलावा पीडीपी के डीडीसी सदस्य हरबख्श ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल, हरबख्श की नाराजगी की वजह भी पार्टी से नाराजगी थी. इस्तीफा देने के बाद पीडीपी नेता ने कहा कि जनादेश नहीं मिलने की वजह से पार्टी छोड़ने का फैसला किया. हरबख्श ने कहा कि मैंने पार्टी को 14 साल दिया, लेकिन त्राल सीट से किसी और को टिकट दे दिया गया. वह भी बिना भरोसे में लिए. पीडीपी से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ नेता इत्तेहाद पार्टी में शामिल हो गए. इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष शेख अब्दुल रशीद फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.
हक खान फिर से हुए पीडीपी में शामिल
जहां पीडीपी के दो वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी तो वहीं हक खान एक बार फिर से पीडीपी में शामिल हो गए. हक खान 2008-2014 तक पीडीपी की टिकट से लोलाब निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. जिसके बाद उन्होंने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया था.