जौन एलिया के टॉप 10 शेर, पढ़ो तो दिल छू जाए
जॉन एलिया एकमात्र ऐसा शायर, जो अपनी शायरी में खून थूकता था..
हमसे रूठा भी गया हमको मनाया भी गया,
फिर सभी नक़्श ताल्लुक़ के मिटाये भी गए !!
फ़ारिहा क्या बहुत ज़रूरी है
हर किसी शेर-साज़ को पढ़ना !
मेरे ग़ुस्से के बाद भी तुम ने
नहीं छोड़ा मजाज़ को पढ़ना !!
ये शख्स आज कुछ नहीं पर कल ये देखियो,
उस की तरफ कदम ही नहीं सर भी आएंगे..
हम जो अब आदमी हैं पहले कभी
जाम होंगे छलक गए होंगे...
थका दिया है तुम्हारे फ़िराक़ ने मुझ को....
कहीं मैं ख़ुद को गिरा लूँ अगर इजाज़त हो
मैं और फ़क़त उसी की ख़्वाहिश
अख़्लाक़ में झूट बोलता हूँ
तुम्हारे रंग महकते हैं ख़्वाब में जब भी
तो ख़्वाब में भी उन्हें ख़्वाब ही समझते हैं...
वक़्त दरमाँ-पज़ीर था ही नहीं.....
दिल लगाया था,दिल लगा ही नहीं
जिस से कोई ख़ता हुई हो कभी
हमको वो आदमी मिला ही नहीं...
~जौन एलिया