जीतन राम मांझी का विवादित बयान, बिहार की गरमाई सियासत, BJP ने पूछा उनके नाम में क्यों हैं 'राम'

Update: 2021-09-22 07:48 GMT

बिहार में अब राम और रामायण को लेकर बहस छिड़ गई है। मध्यप्रदेश की तर्ज पर बिहार के पाठ्यक्रम में भी 'रामायण' की पढ़ाई कराने की मांग की जाने लगी है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दे दिया है। 

दरअसल मंगलवार को जीतन राम मांझी से जब सवाल पूछा गया था कि क्या बिहार के स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में रामचरितमानस और रामायण की पढ़ाई शामिल की जाए, तो इस पर जीतन राम मांझी ने कहा कि राम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नही मानता. रामायण की कहानी को भी सच नहीं मानता लेकिन रामायण में कही गई बातों का समर्थन करता हूं. मांझी ने कहा कि रामायण में लोगों के लिए अच्छी बातें कही गई हैं. इन बातों से बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण होता है रामायण के कई श्लोक हैं जो हमें सही राह दिखाती है. रामायण की बातों को शिक्षा में शामिल करना चाहिए और मैं इसे पढ़ाई में शामिल करने का पक्षधर हूं।

जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद भाजपा में काफी आक्रोश 

भाजपा नेता और विधायक हरी भूषण ठाकुर ने मांझी को निशाने पर ले लिया और कहा कि जीतन राम मांझी के माता-पिता ने उनका नाम जीतन राम मांझी की बजाय जीतन राक्षस मांझी क्यों नहीं रखा. नाम को जीतन राम मांझी रखने का मतलब है कि उनके माता-पिता भी राम का अस्तित्व मानते थे. ठाकुर ने कहा कि जीतन राम मांझी चंद वोट की खातिर सेकयूलर बनने की कोशिश कर रहे हैं . क्या मांझी जी सबरी मैया के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा करेंगे, जो श्री राम की बड़ी भक्त थी. जीतन राम मांझी अपने बयान को लेकर माफ़ी मांगें.

बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने भी जीतन राम मांझी पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल खड़े करते हैं. श्रीराम कण-कण में हैं. उनके अस्तित्व पर कौन सवाल उठा सकता है. मांझी जी जैसे लोग राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह के बयान देते हैं, इस बयान पर हम आपत्ति जताते हैं. मांझी जी को माफी मांगनी चाहिए.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि राम के अस्तित्व को तो नासा तक ने माना है। जितनी बार पुरातत्व विभाग ने खुदाई की राम के अस्तित्व को स्वीकारा है। पुरुषोतम राम के व्यक्तित्व से सबको शिक्षा लेनी चाहिए। उसे पाठ्यक्रम में शामिल कराना चाहिए। इशारों-इशारों में जीतन राम मांझी पर हमला करते हुए बिना नाम लिए प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जिन्होंने अब तक राम को नहीं पढ़ा है, वो नासमझ है। अपनी समझदारी बढ़ाना चाहते हैं, तो रामायण पढ़ें।


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