हसनपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता, साहित्यकार मुजाहिद चौधरी ने करवा चौथ के अवसर पर अपने उद्गार कुछ इस प्रकार व्यक्त किए...
मौसम पे नशा सा छाया है ।
जख्मों को सुकूं सा आया है।।
कुछ सहमी सी है बादे सबा ।
कुछ चांद मेरा शरमाया है ।।
हर ओर खुशी का आलम है ।
हर सिम्त खुशी का साया है ।।
एक चांद फलक पर चमका है ।
एक चांद ज़मीं पर आया है ।।
जब प्यार से उसको देखा है ।
महबूब मेरा शरमाया है ।।
जिसे देख मुजाहिद जीता है ।
तेरे दिल के अंदर पाया है ।।