काशी विश्वनाथ मंदिर: कर्मचारियों को नंगे पांव देख पीएम ने भिजवाए जूते, जानें क्या है इसकी खासियत
काशी विश्वनाथ धाम में काम करने वाले लोगों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से खास तोहफा भेजा है। मंदिर में काम करने वाले लोगों के लिए चप्पल पहनना वर्जित है और उन्हें सर्दी के मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने जूट की बनी पादुकाएं लोगों के लिए भेजी हैं। 100 जोड़ी पादुकाएं भगवान विश्वनाथ की सेवा में लगे पुजारियों, सेवकों, सुरक्षाकर्मियों और सैनिटेशन के काम में लगे मजदूरों एवं अन्य लोगों के लिए भेजी गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए पिछले महीने काशी पहुंचे थे। यही नहीं वह काशी विश्वनाथ धाम से जुड़ी परियोजनाओं पर सीधे तौर पर नजर रखते रहे हैं।
जूट के जूतों का वितरण रविवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने किया। उन्होंने बताया कि पहले सभी पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों को लकड़ी के खड़ाऊं दिए गए थे। मगर खड़ाऊं पहनकर 8 घंटे ड्यूटी करना मुश्किल हो रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मंदिर परिसर में काम करने वालों को नंगे पांव देखा था। यह बात जब उनके संज्ञान में आई तो तुरंत पीएमओ की ओर से 100 जूट के जूते वाराणसी भिजवाए गए। अब पूरी ठंड मंदिर के पुजारी, सेवादार और सुरक्षाकर्मी जूट के जूते पहनकर ही ड्यूटी करेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद धार्मिक टुरिज्म बढ़ चुका है। नए साल पर हजारों भक्त दर्शनों के लिए यहां पहुंचे थे। जाड़ों पूजन के साथ इन भक्तों की सुरक्षा के लिए पुलिस वालों की जिम्मेदार बढ़ने के साथ मुश्किल भी हो रही है। इसलिए उनको सहूलियत देने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी का यह तोहफा पाकर काशी विश्वनाथ धाम में काम करने वाले लोग बेहद खुश हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह आम लोगों की परेशानियों को समझने का पीएम नरेंद्र मोदी का अपना तरीका है। गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद से धाम में बड़ा परिवर्तन आया है। साफ-सफाई. भक्तों के ठहराव जैसी तमाम चीजों पर बड़ा काम हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है और वह व्यक्तिगत तौर पर इसके कामों पर नजर रखते रहे हैं।