Kirti Kisan Union: कीर्ति किसान यूनियन ने फिलिस्तीनी दूतावास को दी मानवीय सहायता, संयुक्त राष्ट्र से स्थायी समाधान की अपील
Kirti Kisan Union: कीर्ति किसान यूनियन (एआईकेएमएस) ने फिलिस्तीनी जनता के समर्थन में एक मानवीय पहल करते हुए फिलीस्तीनी दूतावास को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।
Kirti Kisan Union: कीर्ति किसान यूनियन (एआईकेएमएस) ने फिलिस्तीनी जनता के समर्थन में एक मानवीय पहल करते हुए फिलीस्तीनी दूतावास को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। यह सहायता इजरायल द्वारा फिलिस्तीन में चल रहे हिंसक संघर्ष और मानवीय संकट के जवाब में दी गई है।
यूनियन के सचिवालय समूह के प्रतिनिधिमंडल ने फिलीस्तीनी राजदूत डॉ. अबेद अबू जेजर से मुलाकात की और इस कठिन समय में फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। इस प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष निरभय सिंह धुडिके, महासचिव राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, प्रेस सचिव रमिंदर सिंह पटियाला, उपाध्यक्ष जतिंदर सिंह छीना, और कोषाध्यक्ष जसविंदर सिंह झबेलवाली शामिल थे।
मानव सभ्यता का काला अध्याय
यूनियन के नेताओं ने इजरायल के द्वारा फिलीस्तीन में किए जा रहे हिंसक हमलों को मानव सभ्यता के इतिहास का काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों पर हो रहे अत्याचार की तस्वीरें बेहद दर्दनाक हैं। यूनियन ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि वह तत्काल स्थायी संघर्ष विराम लागू करे और फिलिस्तीनी मुद्दे का स्थायी समाधान निकाले।
सिख नरसंहार की यादें ताजा
किसान नेताओं ने कहा कि फिलिस्तीन में हो रहे अत्याचार ने पंजाब और सिख समुदाय को विभाजन, सिख नरसंहार और 1984 के दुखद अध्याय की याद दिला दी है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय फिलिस्तीनी लोगों के दर्द को गहराई से महसूस कर सकता है और उनके साथ खड़ा है।
यूनियन के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इतिहास से सबक लेना चाहिए। जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर के अत्याचारों की पूरी दुनिया ने निंदा की थी, वैसे ही अब दुनिया इजरायल के जुल्म को रोकने के लिए खड़ी होगी।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से अपील
किसान नेताओं ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अन्य न्यायप्रिय संगठनों से अपील की है कि वे फिलिस्तीनी लोगों की मदद के लिए आगे आएं। किसान नेताओं ने कहा: "यह समय दुनिया के सभी न्यायप्रिय लोगों के लिए एकजुट होकर इस मानवीय संकट के खिलाफ आवाज उठाने का है।"