किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार ने बयाना खास प्लान, पढ़िए पूरी खबर

यूपी में आवारा पशुओं की समस्या से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार ने खास प्लान बनाया है।

Update: 2023-11-01 08:35 GMT

आवारा जानवरों को लेकर योगी सरकार का खास प्लान यहां जानें

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार आवारा पशुओं की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई बार अनेक तरह की कोशिश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। प्रदेश में यह समस्या अभी भी बनी हुई है। आवारा पशुओं के कारण जहां किसानों की नींद गायब है वहीं मौका पाते ही आवारा पशु फसल को जल्दी से चट कर जाते हैं। इसको लेकर विपक्ष भी सरकार पर लगातार हमला बोलता है। अब एक बार फिर छुट्टा जानवरों से लोगों को निजात दिलाने के लिए सरकार ने आज से अभियान शुरू किया है।

उत्तर प्रदेश में आवारा पशु किसान लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। हालांकि, प्रदेश सरकार छुट्टा जानवरों से निपटने के लिए कई तरह के योजना भी बनाई है। लेकिन ये समस्या हल नहीं हो रही है। इन आवारा जानवरों की वजह से एक तरफ जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती है और लोगों की जान जाती है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की फसल को जानवर नुकसान पहुंचाते हैं। इसके चलते किसानों काफी नुकसान होता रहता है। अब योगी सरकार 1 नवंबर से छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है।

इस अभियान के मद्देनजर सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पशुपालन विभाग को निर्देश जारी कर दिया है। इस निर्देश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दिनांक 1 नवंबर 2023 से दिनांक 31 दिसंबर 2023 तक विशेष अभियान चलाकर निराश्रित गोवंशों के शत प्रतिशत संरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाए।

2 लाख गोवंशों किया जाएगा संरक्षित

सरकार के आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अब तक 12 लाख से अधिक निराश्रित गोवंशों को प्रदेश के अलग- अलग जिलों में बनाए गए गोवंश संरक्षण केन्द्रों में संरक्षित किया गया है। हालांकि, सरकार को अनुमान है कि अभी तकरीबन सवा दो लाख से ज्यादा आवारा गोवंश इधर - उधर घूम रहे हैं। इन गोवंशों को संरक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने 31 अक्टूबर 2023 को पत्र जारी करते हुए कहा कि शासन स्तर पर विचार विमर्श के बाद प्रदेश व्यापी गौ संरक्षण अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया गया है। यह अभियान 60 दिनों तक प्रत्येक जिले में चलाया जाएगा। इस अभियान में पंचायती राज विभाग, ग्राम विकास विभाग, राजस्व विभाग, नगर विकास विभाग, गृह विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।

इसके अलावा जरूरत पड़ने पर पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान के तहत प्रत्येक जिले में विकासखंड और तहसील स्तर पर इन विभागों की टीम निराश्रित गौवंशों को आश्रय स्थलों में संरक्षित करेंगी। नगरीय क्षेत्र में स्थानीय निकायों के प्रभारी अधिकारी और नगर आयुक्त द्वारा इस अभियान का नेतृत्व किया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाए जाने का निर्देश दिया गया है।

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