कुशीनगर में कल रात एक दर्दनाक हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई। जिले के नौरंगिया के स्कूल खास टोला में रात करीब साढ़े आठ बजे गांव की महिलाएं और युवतियां मटकोड़ (विवाह के पहले निभाई जाने वाली एक रस्म) के निकलीं थीं। उनके साथ बच्चे और किशोरियां भी थीं। नौ बजे मटकोड़ के बाद लौट रहे सभी लोग आगे कुएं के पास जमा हुए और नाच गाना शुरू हो गया। स्लैब पड़ा होने से किसी को पता ही नहीं चला कि यह धरातल है या कुएं की स्लैब। एक साथ महिलाएं स्लैब पर चढ़ीं तो जर्जर स्लैब अचानक टूट गया। इससे उस पर खड़ी महिलाएं और बच्चियां कुएं में गिर गईं और डूबने लगीं।
जब घटना हुई तब वहां ज्यादातर महिलाएं थीं। अंधेरा भी था। ऐसे में चीख-पुकार मच गई। गांव के पुरुष जब तक दौड़कर पहुंचे। तब तक काफी देर हो चुकी थी। कई महिलाएं डूब चुकी थीं। कुआं काफी गहरा था, लेकिन उसमें 10 फीट में पानी लबालब भरा था। हादसे की खबर गांव के लोगों को हुई। भीड़ जुटी और लोगों को निकालने के प्रयास में जुट गयी। अंधेरा था, इसलिए यह लगा था कि कम लोग गिरे होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि लंबी सीढ़ी लगाकर गिरे लोगों को निकालने का प्रयास शुरू हूआ। कुछ देर में भीड़ जुटी टार्च से रोशनी की गई तो पता चला कि कई लोग गिरे हैं। इसके बाद एंबुलेंस के लिए 112 नंबर पर सूचना दी गयी। संपर्क मे देर हुई।
इससे पहले ही पुलिस आ चुकी थी। पुलिस के प्रयास से फायर ब्रगेड को बुलाया गया। कुएं में पाइप के साथ पंप लगाया गया। कुएं पानी खाली होने पर पता चला कि कुल 23 लोग गिरे थे। सभी को अस्पताल भेजा गया। इनमें 13 की मौत की सूचना मिली है। अफरा तफरी का माहौल है। शिनाख्त होने में वक्त लगेगा। उधर, सांसद विजय दुबे, विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि हादसे की सूचना सीएम कार्यालय को दे दी गई। बचाव कार्य किया जा रहा है। घायलों के इलाज के लिए टीम लगाई गई है।
ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायत की कि रात में करीब 9.30 बजे एंबुलेंस को 112 पर सूचना दी गयी। एंबुलेंस ने आने में काफी देर कर दी, जबकि पुलिस कुछ ही देर बाद पहुंच गयी। पुलिस ने अपनी गाड़ी से कुएं सेनिकाले गए महिलाओं व किशोरियों का अस्पताल भेजवाया। यदि एंबुलेंस समय से आ जाती को कई जानें बच सकती थी। डीएम एसराजलिंगम ने कहा कि यह सभी जांच का विषय है।
हादसे में 13 लोगों की मौत हुई है। वह जहां नाच-गा रही थीं, वहां कुएं पर स्लैब 12 साल साल पहले लगा था। वह जमीन के बराबर में है। काफी लोग वहां बैठ गए थे। उन्हें नहीं पता था कि वहां कुआं या स्लैब होगा। हादसा होने के बाद अफरातफरी मच गयी।
डॉक्टर इलाज शुरू करते इससे पहले ही कई लोग सवाल पूछने लगते। डॉक्टर ने जो भी मरीज आए थे, उनका नाम-पता पूछना शुरू किया तो कोई बताने को तैयार नहीं था। नाराज डॉक्टर ने सभी को पहले बाहर निकलवाया तब मरीजों की हालत जांच शुरू की। आधे घंटे तक चेकअप के बाद उन्होंने बताया कि सभी लोग मृत अवस्था में ही जिला अस्पताल पहुंचे थे। जिला अस्पताल पहुंचे लोग बेहद गुस्से में थे, मगर मरीजों के नाम-पता बता पाने में असमर्थ थे। अस्पताल में समय से पहुंची पुलिस ने हालात संभाले रखा।
डीएम एसपी के साथ डीआईजी कमिश्नर भी पहुंचे : घटना स्थल पर देर रात डीएमएस राजलिंगम, एसपी सचिन्द्र पटेल के अलावा स्थानीय सांसद विजय दुबे भी पहुंच गए। कुछ देर बाद कमिश्नर रवि कुमार एनजी व डीआईजी भी पहुंचे। घटना की जानकारी लेने के बाद लोगों को शांत कराया। प्रधान संतोष तिवारी ने बताया कि काफी देर बाद उन्हें तब घटना की जानकारी दी गयी, जब लोगों को लगा कि कई लोग कुएं में गिरे हैं। समय से जानकारी होती तो जानें बच सकती थीं।