चारा घोटाले में कोर्ट ने लालू यादव को 60 लाख रुपये का जुर्माने के साथ सुनाई सजा, ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल बढ़ा
सीबीआई ने जांच में कहा था कि ये व्यापक षड्यंत्र का मामला है। इसमें राज्य के नेता, कर्मचारी और व्यापारी सब भागीदार थे। इस मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत राज्य के कई मंत्री गिरफ्तार किए गए थे।
चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले (डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी) में बिहार के पूर्व CM और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद को सोमवार को 5 साल की सजा सुनाई गई। उन्हें 60 लाख का जुर्माना भी भरना होगा। रांची में CBI के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा का ऐलान किया। फिलहाल लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। लालू समेत 38 दोषियों को इस केस में कोर्ट ने 15 फरवरी को दोषी करार दिया था। इसके बाद लालू प्रसाद को जेल भेज दिया गया था। बेहतर इलाज के लिए लालू प्रसाद को जेल प्रशासन ने रिम्स भेज दिया था। लालू प्रसाद रिम्स से ही ऑनलाइन कोर्ट से जुड़े थे।
सजा सुनाने के पहले सीबीआई की ओर से सभी दोषियों को अधिकतम सजा देने का आग्रह किया गया। जबकि बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने का आग्रह किया। रांची सिविल कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में राजद के नेता और कार्यकर्ता बिहार से भी पहुंचे हैं। इनमें अब्दुल बारी सिद्दिकी, पूर्व मंत्री श्याम रजक भी शामिल हैं। राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में सजा सुनाए जाने का स्वागत किया। राजद के नेताओं ने कहा सजा की अवधि के मामले में लालू प्रसाद यादव के साथ न्याय हुआ है।
सजा के ऐलान के पहले लालू की तबीयत और बिगड़ गई है। उनका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल बढ़ गया है। सुबह लालू यादव का ब्लड शुगर 160 पहुंच गया जो सामान्य स्थिति में खाली पेट में 110 होना चाहिए। दूसरी ओर उनका ब्लड प्रेशर 150/ 70 हो पहुंच गया है। डॉक्टर ने बताया की सजा की सुनवाई होने से पहले लालू यादव सुबह से ही काफी तनाव में हैं। इस कारण उनका बीपी और ब्लड शुगर अनियंत्रित है। इलाज कर रहे डॉक्टर विद्यापति ने बताया कि सुबह लालू से जब मुलाकात हुई तो वह काफी तनाव में दिखे और तबीयत के बारे में पूछा गया तो काफी मायूस होकर उन्होंने जवाब दिया।
लालू यादव सुबह से ही अपने कमरे से बाहर नहीं निकले
सुबह वह आज टहलने के लिए अपने रूम से बाहर भी नहीं निकले। एक दिन पहले लालू यादव के ब्लड शुगर का लेवल सुबह खाली पेट में 140/80 के आस पास था। जबकि इंसुलिन की मात्रा बढ़ाई जाने के बाद भी सोमवार को उनका ब्लड शुगर बढ़ गया है। डॉक्टर ने बताया कि पहले से ही वह किडनी के क्रॉनिकल डिजीज से ग्रसित है और ब्लड शुगर और बीपी की समस्या पहले से उन्हें हैं और इस तनाव के बाद सभी चीजें अनियंत्रित हो गई है, हालांकि डॉक्टर ने दवा दी है।
जानें क्या है मामला
इस घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। जिसमें पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ढोने की कहानी शामिल है। मामला 1990-92 के बीच का है। अफसरों और नेताओं ने फर्जीवाड़ा की नई कहानी ही लिख दी। फर्जीवाड़ा कर बताया गया कि 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया। यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले। सीबीआई ने जांच में पाया कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था।
जांच में सामने आया कि 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदे गए थे। वहीं क्रॉसब्रिड की बछिया और भैंस की खरीद का करीब 84 लाख का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के प्रोपराइटर विजय मल्लिक ने की थी। इस घोटाले में हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी के आपूर्तिकर्ता संदीप मल्लिक पर भी भेड़ और बकरी के लिए 27 लाख 48 हजार रुपए भुगतान करने का आरोप है।
सीबीआई ने कहा था-इसमें मंत्री कर्मचारी सब शामिल
सीबीआई ने जांच में कहा था कि ये व्यापक षड्यंत्र का मामला है। इसमें राज्य के नेता, कर्मचारी और व्यापारी सब भागीदार थे। इस मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत राज्य के कई मंत्री गिरफ्तार किए गए थे।