यूपी के दस नव निर्वाचित राज्यसभा सांसदों का लखनऊ हाईकोर्ट का नोटिस, मचा हडकम्प

याचिका में दो नवंबर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए राज्यसभा के दस सदस्यों के निर्वाचन को चुनौती दी गई है.

Update: 2020-12-19 03:51 GMT

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court)की लखनऊ पीठ ने राज्यसभा के दस नव निर्वाचित सदस्‍यों को शुक्रवार को नोटिस जारी किये. यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने वाराणसी के व्यापारी प्रकाश बजाज की ओर से दाखिल चुनाव याचिका पर पहली सुनवाई के बाद पारित किया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को तय की.

याचिका में दो नवंबर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए राज्यसभा के दस सदस्यों के निर्वाचन को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने स्वयं इन चुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया था लेकिन उनके नामांकन पत्र को निर्वाचन अधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया गया था. याचिकाकर्ता का कहना है कि नामांकन पत्र निरस्त करने का कारण शपथ पत्र व फॉर्म में त्रुटि बताया गया था. याचिकाकर्ता का कहना है कि उसका नामांकन गलत आधार पर मनमाने तरीके से निरस्त किया गया है.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि अन्य सभी के फॉर्म में समान त्रुटियां थीं किन्तु दोहरा मापदंड अपनाते हुए चुनाव अधिकारी ने मनमाने तरीके से केवल उसी का नामांकन पत्र खारिज किया. इन दस सांसदों में केंद्रीय मंत्री हरदीप पूरी, अरुण सिंह, गीता शाक्य, हरिद्वार दुबे, सीमा द्विद्वेदी, नीरज शेखर, बृजलाल, बीएल वर्मा,और सपा के रामगोपाल यादव , तो बसपा के राम जी गौतम है, 

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