बाल संरक्षण गृह से हुए रिहा हुए माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटे, अतीक की बहन को मिली बच्चों की कस्टडी
उत्तर प्रदेश के माफिया रहे अतीक अहमद के दोनों बेटों को बाल सुधार गृह से कल देर शाम रिहा कर दिया गया है।
UP News: उत्तर प्रदेश के माफिया रहे अतीक अहमद के दोनों छोटे बेटे अहजम और आबान सात महीने बाद कल यानी कि सोमवार को प्रयागराज के बाल सुधार गृह से रिहा कर दिए गए है। अतीक के चौथे नंबर के बेटे अहजम और पांचवें व सबसे छोटे बेटे आबान को बाल सुधार गृह से कल देर शाम कड़ी सुरक्षा के बीच रिहा किया गया। दोंनो बच्चों की कस्टडी माफिया अतीक अहमद की बहन और बच्चों की बुआ परवीन अहमद को दी गई है। बच्चों की कस्टडी लेने के लिए खुद अतीक अहमद की बहन परवीन बाल सुधार गृह पहुंची थी।
आपको बता दें कि 24 फरवरी को हुए उमेश पाल और दो सरकारी गनर शूटआउट केस में माफिया अतीक अहमद की पूरी फैमिली को नामजद कर दिया गया था। जिसके बाद से ही अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार चल रही हैं। अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटों अहजम और आबान को धूमनगंज पुलिस ने बाल कल्याण समिति के आदेश पर बाल सुधार गृह राजरूपपुर में 4 मार्च को दाखिल कर दिया था, जिसके बाद से दोनों बच्चे बाल सुधार गृह में ही रह रहे थे।
अतीक अहमद की बहन ने कस्टडी के लिए दी थी अर्जी
अतीके के दोनों बच्चों की कस्टडी के लिए अतीक अहमद की बहन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ही अतीक के दोनों बेटों की रिहाई हुई है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी यानी CWC ने दोनों बेटों की रिहाई का आदेश जारी किया और उन्हें बुआ परवीन को सौंप दिया गया। अतीक अहमद का चौथा बेटा अहजम 5 अक्टूबर को 18 साल की उम्र पूरी कर बालिग हुआ है। अतीक अहमद के बच्चों की रिहाई के वक्त बाल संरक्षण गृह में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इस दौरान असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर वरुण कुमार और धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्य भी मौजूद थे। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में बुआ परवीन को दोनों बच्चों की कस्टडी सौंपी। इसके बाद बुआ परवीन अपने भतीजों अहजम और आबान को अपने साथ लेकर चली गईं।
4 मार्च को दोनों लावारिस हालत में मिले थे
प्रयागराज पुलिस ने 4 मार्च को दोनों बेटों को अतीक के घर के पास कसारी मसारी से लावारिस हालत में बरामद किया था। घर में कोई जिम्मेदार सदस्य ना होने और बच्चों के नाबालिग होने की वजह से उन्हें बाल सुधार गृह में दाखिल कर दिया गया था। जबकि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या की जांच कर रही प्रयागराज पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि चौथे नंबर के बेटे अहजम ने वारदात में इस्तेमाल किए गए सभी आईफोन को एक्टिवेट कर उसमें कोडिंग की थी। हालांकि पुलिस द्वारा अभी तक अहजम को आरोपी बनाए जाने की कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल बाल कल्याण समिति के आदेश पर तकरीबन 7 महीने बाद अहजम वा आबान बाल सुधार गृह से रिहा हुए हैं। अतीक के दोनों बच्चों के रिहा होने के बाद बाल सुधार गृह राजरूपपुर के संचालक मुकुंद गोस्वामी का कहना है कि बच्चों की कस्टडी उनकी बुआ परवीन को सौंपी गई है।
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