Maharashtra Politics:विधायकों के बाद सांसद भी छोड़ेंगे उद्धव का साथ ? बैठक से 7 सांसद गायब

सत्ता से हटने के बाद से ही UDHHAV THAKAREY की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ख़बर है कि MLA के बाद कई सांसद उद्धव का साथ छोड़ Eknath Shinde गुट में जा सकते हैं.

Update: 2022-07-12 11:28 GMT

महाराष्ट्र की सत्ता से हटने के बाद उद्धव ठाकरे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पहले विधायकों ने साथ छोड़ा तो सरकार चली गई. अब ख़बर है कि कई सांसद भी उद्धव का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे के पाले में जा सकते हैं. दरअसल सोमवार को ही उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बैठक बुलाई थी, जिसमें 12 सांसद ही पहुंचे और 7 नदारद रहे. बता दें कि लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसद हैं. नेताओं की इसी गैरहाजिरी के डर की वजह से पिछले दिनों मातोश्री में हुई बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे के साथ सुलह करने की सलाह भी दी थी.

विधायकों के बाद शिवसेना के सांसद भी हुए बागी!

बता दें महाविकास अघाड़ी की सरकार गिरने के बाद से ही शिवसेना नेताओं का शिंदे गुट में शामिल होना जारी है. इससे पहले ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षद भी पाला बदलकर शिंदे गुट में चले गए हैं. इसके बाद कल्याण और नवी मुंबई से भी उद्धव गुट को झटका देते हुए कई नेताओं ने शिंदे गुट को समर्थन कर दिया था. फिलहाल शिंदे के पास शिवसेना के 40 और निर्दलीय 10 विधायकों का समर्थन है और कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना के कुछ सांसद बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इनमें एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे, भावना गवली जैसे नाम शामिल हैं.

ऐसी ख़बरें है कि बैठक में शिवसेना के ज्यादातर सांसदों ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए कहा है. सांसदों ने कहा कि वह एक आदिवासी महिला हैं. इसलिए हमें उनके पक्ष में मतदान करना चाहिए. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सांसदों में फूट ना हो इसीलिए उद्धव सांसदों के रुख को भांपते हुए राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन को झटका लगेगा.

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