आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद बड़ा फेरबदल होने की संभावना
आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद बड़ा फेरबदल होने की संभावना है। लगातार 12 साल से संघ में नंबर दो का महत्वपूर्ण दायित्व देख रहे वर्तमान सरकार्यवाह(जनरल सेक्रेटरी) भैय्याजी जोशी चुन सकते हैं अपने लिए नई भूमिका। संघ परिवार के संगठनों के बीच समन्वयक की उनकी नई भूमिका हो सकती है। अस्वस्थता के कारण वह वर्ष 2018 में भी इस जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे, लेकिन जरूरत को देखते हुए संघ ने उन्हें तीन साल के एक और कार्यकाल के लिए मनाया था। अब भैय्याजी जोशी की उम्र 73 वर्ष हो चुकी है। ऐसे में उनके आगे तीन साल के लिए और जिम्मेदारी संभालने की उम्मीद कम है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2025 में संघ के जन्मशती को ध्यान में रहते हुए नए सरकार्यवाह के चयन की प्रबल संभावना।
19-20 को बेंगलुरु मे होने वाली बैठक में देश भर के 14 सौ संघ प्रतिनिधि सरकार्यवाह के पद पर नए चेहरे को चुन सकते हैं। वर्तमान सह-सरकार्यवाहों में संघ कार्य की दृष्टि से वरिष्ठ दत्तात्रेय होसबोले का नाम सर्वाधिक चर्चा में। इस बैठक में अखिल भारतीय स्तर के ऊर्जावान कुछ पदाधिकारियों को सह-सरकार्यवाह(ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) की जिम्मेदारी देने का निर्णय हो सकता है। वहीं कुछ सह-सरकार्यवाह को नई भूमिका में लाया जा सकता है।
संघ में सरसंघचालक का पद मार्गदर्शक का होता है, जबकि सरकार्यवाह का पद कार्यकारी होता है। संगठन चलाने का दायित्व सरकार्यवाह का होता है। सरसंघचालक पद पर चुनाव नहीं होता। सरसंघचालक खुद अनुकूल समय पर अपना पद छोड़ते हैं। जबकि हर तीन वर्ष पर सरकार्यवाह पद पर देश भर के 14 सौ प्रतिनिधियों के माध्यम से सर्वसम्मति से चुनाव होता है।