गाड़ी पर चढ़कर उसे धक्का लगा रहा था शख्स, वायरल वीडियो देख हंसते-हंसते लोटपोट हुए लोग
आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस मजेदार वीडियो को शेयर किया है और कैप्शन में लिखा है, 'काम करो या ना करो, काम का जिक्र और फिक्र जरूर करते दिखो'.
कालिदास को तो आप जानते ही होंगे. वे संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे. लेकिन कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में वे अनपढ़ और मूर्ख थे. उनकी एक मुर्खताभरी कहानी आज भी चर्चित है और लोग उसे उदाहरण के तौर पर पेश करते हैं. आपने भी वो वाली कहानी सुनी ही होगी, जिसमें कालिदास पेड़ की उसी टहनी को काट रहे होते हैं, जिस पर वे बैठे थे. अब इससे ज्यादा मुर्खता और क्या हो सकती है. ऐसा ही एक वीडियो (Viral Videos) आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, लेकिन इसमें पेड़ या उसकी टहनी काटने जैसी कोई बात नहीं है, बल्कि नए जमाने के हिसाब से यह गाड़ी से जुड़ा मामला है. दरअसल, वीडियो में एक शख्स गाड़ी के ऊपर चढ़कर उसे धक्का लगा रहा था. अब आप समझ सकते हैं कि उसका दिमाग कितना 'तेज' होगा.
वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक गाड़ी किसी जगह पर फंसी हुई है और कुछ लोग उसे धक्का लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी में एक शख्स ऐसा भी है, जो नीचे जमीन पर से नहीं बल्कि गाड़ी पर चढ़कर उसे धक्का लगाता है. ऐसा नहीं है कि वह कोशिश नहीं कर रहा है, बल्कि गाड़ी को आगे धकेलने की पुरजोर कोशिश करता है. सचमुच में यह मजेदार वीडियो देख कर आपको कालिदास की वो कहानी जरूर याद आ जाएगी.
देखें वीडियो:
काम करो या ना करो,काम का ज़िक्र और फिक्र ज़रूर करते दिखो. 😅 pic.twitter.com/CQgwOPBDll— Dipanshu Kabra (@ipskabra) February 13, 2022
आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस मजेदार वीडियो को शेयर किया है और कैप्शन में लिखा है, 'काम करो या ना करो, काम का जिक्र और फिक्र जरूर करते दिखो'. महज 15 सेकेंड के इस वीडियो को अब तक 5 हजार से भी अधिक बार देखा जा चुका है, जबकि सैकड़ों लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है.
वहीं, लोगों ने वीडियो देख कर तरह-तरह के कमेंट्स भी किए हैं. एक यूजर ने मजाकिया अंदाज में कमेंट किया है, 'जोर लगा के हईया…', जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा है, 'सबसे मेहनती आदमी तो गाड़ी के ऊपर है'. इसी तरह एक और यूजर ने मजाकिया लहजे में लिखा है, 'ये अभिनयशील व्यक्ति किसी विभाग में निश्चित ही नियमित कर्मचारी होगा. शेष अनियमित कर्मचारी. अंतर स्पष्ट परिलक्षित है संदेह कहीं नहीं'.