माणिक साहा ने ली त्रिपुरा के नये CM पद की शपथ, जानें उनके बारे में सबकुछ
माणिक साहा ने त्रिपुरा के नए सीएम के तौर पर शपथ ली है। वह राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं। उन्हें राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण राय ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। माणिक साहा का बिप्लव देव के इस्तीफे का बाद भाजपा ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। सीएम बनने के बाद उन्होंने कहा, ''हम पीएम मोदी और बीजेपी के विकास के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ेंगे। हम त्रिपुरा के लोगों के मुद्दों को हल करने के साथ-साथ राज्य में कानून-व्यवस्था को भी बढ़ाएंगे। हमारे लिए कोई राजनीतिक चुनौती नहीं है।''
राज्य में करीब साढ़े तीन साल तक चले बिप्लब कुमार देब के राज का आज अंत हो गया। माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने त्रिपुरा में परोक्ष तौर पर सत्ता विरोधी लहर से पार पाने और पार्टी पदाधिकारियों के बीच किसी भी तरह के असंतोष को दूर करने के एक प्रयास के तहत सीएम बदलने का यह कदम उठाया है। पार्टी ने पहले भी कई राज्यों में यह रणनीति अपनायी थी, जो कि सफल रही।
बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ घंट के भीतर ही पार्टी की राज्य विधायक दल ने माणिक साहा को अपना नया नेता चुन लिया। उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलने का दांव सफल रहने के मद्देनजर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने त्रिपुरा में भी इसी तरह के बदलाव का विकल्प चुना, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं।
भाजपा ने 2019 के बाद से गुजरात और कर्नाटक सहित पांच मुख्यमंत्रियों को बदला है। साहा पूर्वोत्तर से कांग्रेस के ऐसे चौथे पूर्व नेता हैं जो भाजपा में शामिल होने के बाद क्षेत्र में मुख्यमंत्री बनेंगे। यह इसका स्पष्ट संकेत है कि किसी भी नेता का चुनाव-संबंधी मूल्य पार्टी के लिए सर्वोपरि है।
2016 में कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए साहा
माणिक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। मुख्यधारा की राजनीति में आने से पहले वह हापनिया स्थित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाया करते थे। साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्हें 2020 में पार्टी प्रमुख बनाया गया और इस साल मार्च में राज्यसभा के लिए चुने गए। साहा ने खुद को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कहा कि मैं पार्टी का एक आम कार्यकर्ता हूं और आगे भी रहूंगा।