मायावती ने मुलायम-अखिलेश पर कसा तंज, 5 साल पुरानी बात भी दिलाई याद

Update: 2022-03-22 06:50 GMT

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों के बहुजन समाज पार्टी की भारतीय जनता पार्टी से मिली भगत के आरोपों पर बसपा की मुखिया मायावती ने आज चुप्पी तोड़ी है। मायावती ने न सिर्फ अपनी चुप्पी तोड़ी है, बल्कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।

बसपा सुप्रीमो ने योगी सरकार के पिछले शपथ ग्रहण की याद दिलाकर यह भी कहा कि तब मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को बीजेपी से आशीर्वाद दिलाया था। ध्यान रहे कि उस वक्त पीएम मोदी से मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की बातचीत करते हुए तस्वीर ने सुर्खियां बटोरी थीं।  

मायावती ने योगी के पिछले शपथ ग्रहण की याद ऐसे समय पर दिलाई है जब एक दिन पहले ही अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ना तो उन्हें शपथ ग्रहण में बुलाएगी और ना वह जाने की इच्छा रखते हैं। मायावती ने सपा के उन आरोपों पर भी पलटवार किया है, जिनमें बसपा को बीजेपी की बी टीम बताया गाया था।

बसपा प्रमुख ने मंगलवार को ट्वीट किया, '' बीजेपी से बीएसपी नहीं बल्कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह खुलकर मिले हैं, जिन्होंने बीजेपी के पिछले हुए शपथ में, अखिलेश को बीजेपी से आर्शीवाद भी दिलाया है और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को बीजेपी में भेज दिया है। यह जग-जाहिर है।'' माना जा रहा है कि मायावती का इशारा अपर्णा यादव की ओर है, जो चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुईं।

एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा, ''यूपी में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे, जिसने, अपनी सरकार में इनके नाम से बनी योजनाओं व संस्थानों आदि के नाम अधिकांश बदल दिये है। जो अति निन्दनीय व शर्मनाक भी है।'' गौरतलब है कि सपा और बसपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था, लेकिन जल्द ही दोबारा राहें अलग हो गईं। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने मायावती के वोटर्स को अपने पाले में लाने की भरसक कोशिश की थी।

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