दिल्ली देश की राजधानी है । पूरे देश की नजर दिल्ली पर रहती हैं। दिल्ली आजादी के बाद पूरे देश के लिए एक केंद्रीय स्थल के रूप में विकसित हो गई है। दिल्ली में महत्वपूर्ण घटनाएं हुई है। दुखद हादसे हुए है सुखद बदलाव भी हुए हैं। पोरबंदर में पैदा हुए महात्मा गांधी के भौतिक जीवन का अंत भी दिल्ली में कर दिया गया था।
दिल्ली से महात्मा गांधी को बेहद ही लगाव था इसलिए बापू के स्मति में दिल्ली हमेशा शामिल रहा। अपने जीवनकाल में गांधी जी दिल्ली लगभग 80 बार आए थे। बापू ने अपने जिदंगी के करीब 720 दिन दिल्ली में गुजारे थे । दुखद इसी दिल्ली में सन् 1948 में महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सन् 1915 में दक्षिण अफ्रिका से भारत लौटने के बाद पहली बार दिल्ली 12 अप्रैल ,1915 में आए थे । बापू दिल्ली में जिस जगह गए आज उनकी याद में उस जगह को उनके स्मृति स्थल में तब्दील कर दिया गया है । आईए जानते है दिल्ली के उन जगहों के बारे में जहाँ महात्मा गांधी गए –
कुतुब मीनार और लाल किला : - 12 अप्रैल 1915 को जब दक्षिण अफ्रीका से देश वापसी कर महात्मा गांधी जब अपनी पत्नी कस्तुरबा के साथ दिल्ली आए तो वो टांगे से कुतुब मीनार और लाल किला देखने गए।
संत स्टीफेंस कॉलेज :- 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी के बाद महात्मा गांधी कॉलेज के प्राचार्य शुशील कुमार रुद्र के साथ कॉलेज कैंपस में बहुत दिनों तक ठहरे थे।
तिबिया कॉलेज , करोल बाग, नई दिल्ली : - अजमल खान द्वारा स्थापित आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिबिया कॉलेज का उद्घाटन महात्मा गांधी ने 13 फरवरी , 1921 किया।
मॉडर्न स्कूल, बाराखंबा रोड, दिल्ली :- सन् 1935 में महात्मा गांधी बाराखंबा रोड स्तिथ प्रसिद्ध मॉडर्न स्कूल में विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व लोकप्रिय लेखक सरदार खुशवंत सिंह के पिता सरदार शोभा सिंह के आमंत्रण पर गए।
गांधी आश्रम , हरिजन सेवक संघ, किंग्सवे कैम्प, दिल्ली :- 1930 से 1940 के बीच दिल्ली आगमन के दौरान महात्मा गांधी ने अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के यहां 180 दिन गुजारे । कांग्रेस कमिटी की कुछ महत्वपूर्ण बैठकें इसी जगह पर हुए।
महात्मा गांधी के साथ जवाहर लाल नेहरू , शुभाष चंद्र बोस, सरदार बल्लव पटेल , बादशाह खान,डॉ अम्बेडकर सहित कई नेता यहां ठहरे। जिस जगह को अब संग्रहालय बना दिया गया है।
बिरला मंदिर , मंदिर मार्ग, नई दिल्ली :- महात्मा गांधी ने 1939 में बिरला मंदिर का उद्घाटन किया। मंदिर के उद्घाटन के दौरान श्री जी.डी बिरला और उनके पुत्र श्री देव दास गांधी उनके साथ थे।
तिहाड़ केंद्रीय कारागार :- सन् 1947 में बापू तिहाड़ जेल में जेलबंद कैदियों से मिलने गए और उनके साथ उन्होंने वहां प्राथना भी की।
वाल्मीकी बस्ती , मंदिर मार्ग ,नई दिल्ली :- महात्मा गांधी बाल्मीकि बस्ती में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1 अप्रेल 1946 से 10 जून , 1947 तक रहे थे।
पुराना किला, मथुरा रोड दिल्ली : - सितंबर 1947 में महात्मा गांधी पुराना किला मुस्लिम शरणार्थियों से मिलने गए। जब वे लोग पाकिस्तान शरण लेने के तैयारी कर रहे थे तो बापू ने उनसे मुलाकात की।
गांधी स्मृति :- महात्मा गांधी ने अपने जीवन के आखरी 144 दिन यहीं इस जगह गुजारे थे। दुर्भाग्य से 30 जनवरी , 1948 को इसी जगह पर महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी।
मारवाड़ी पुस्तकालय, चांदनी चौक :– महात्मा गांधी चाँदनी चौक स्थित इस पुस्तकालय में कई गुप्त बैठकें की थी। इन बैठकों में लोकमान्य तिलक, मदन मोहन मालवीय सहित कई स्वतंत्रता सेनानी शामिल होते थे। आज भी पुस्तकालय की विजिटर बुक में महात्मा गांधी का लिखा खत इस बात का प्रमाण है ।
हालांकि गांधी दिल्ली में कई ऐसी जगहें है जहाँ गांधी अपने जीवनकाल के दौरान गए नहीं लेकिन बापू की याद में बने इन स्थलों से उनके और उनके विचार से जुड़ी जानकारी मिलती है।
नेशनल गांधी म्यूजियम एंड लाइब्रेरी : - दिल्ली स्थित इस जगह पर गांधी जी से जुड़ी हुईं चीजें, तस्वीरें, उनके लिखे खत और दस्तावेज आदि देखने को मिल जाएंगे।
राजघाट :- महात्मा गांधी की समाधि यहीं स्थित हैं। राजघाट स्थित गांधी दर्शन उनके विचारों को जरिए उन्हें समझनें की बेहतरीन जगह हैं ।