रामलला का दर्शन करने वाले एकमात्र पीएम हैं नरेंद्र मोदी, ब‍िना दर्शन लौटे चार प्रधानमंत्री, जानिए उनके नाम

Update: 2022-10-20 12:12 GMT

अयोध्या:  यूं तो रामनगगरी में पांच प्रधानमंत्रियों का आगमन हुआ, लेकिन रामलला का दर्शन सिर्फ नरेन्द्र मोदी ने ही किया। वर्ष 2020 में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने रामजन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था और विरासत के कैनवास पर उस समय श्रद्धाभाव से भरा-पगा ऐसा अद्वितीय चित्र भी बना था, जब पीएम ने रामलला को साष्टांग दंडवत किया था।

पीएम मोदी अकेले ऐसे नेता हैं, जो प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए और उससे पहले भी रामलला का दर्शन कर चुके हैं, जबकि उनके अलावा चार प्रधानमंत्री यहां आ चुके हैं। इनमें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, एचडी देवेगौड़ा व अटल बिहारी वाजपेयी के नाम शामिल हैं। हालांकि, इंदिरा जी के आगमन के समय रामजन्मभूमि पर ताला लगा था। पीएम इंदिरा गांधी तीन बार अयोध्या आईं।

रामजन्मभूमि पर 22-23 दिसंबर 1949 की मध्य रात्रि रामलला का प्राकट्य हुआ था। हालांकि, रामलला का दर्शन वर्ष 1986 में एक फरवरी के बाद सुलभ हुआ, जब न्यायालय ने रामजन्मभूमि का ताला खोलने का निर्देश दिया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तीन बार अयोध्या आईं। 1966 में वह सरयू पुल का उद्घाटन करने अयोध्या आईं थीं। इसके बाद 1975 में वह आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने अयोध्या आईं। वर्ष 1979 में भी अयोध्या आने पर उन्होंने बजरंगबली का दर्शन-पूजन किया था।

राजीव गांधी बतौर प्रधानमंत्री यहां आए थे। नौ नवंबर 1989 को राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का शिलान्यास हुआ था, लेकिन राजीव गांधी स्वयं अयोध्या नहीं आए थे, बल्कि दिगंबर अखाड़ा के महंत रामचंद्रदास परमहंस, गोरक्षपीठ के महंत रहे अवेद्यनाथ, विहिप के शीर्ष नेता अशोक सिंहल और कामेश्वर चौपाल आदि ने मंदिर का शिलान्यास किया था। वर्ष 1990 में सद्भावना यात्रा में उनका आना हुआ था, लेकिन रामलला का दर्शन-पूजन नहीं किया था। पीएम एचडी देवगौड़ा ने कैंट में की थी सभा

वर्ष 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा सरयू रेलवे ओवरब्रिज का शिलान्यास करने आए थे। उन्होंने कैंट में सभा की थी, लेकिन रामलला का दर्शन नहीं किया था।बतौर पीएम अटल ब‍िहारी वाजपेयी भी दो बार आए ।

दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी बतौर प्रधानमंत्री रहते यहां दो बार आए थे। वर्ष 2002 में मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष रामचंद्रदास परमहंस के साकेतवास पर व वर्ष 2004 में उन्होंने हवाई अड्डे पर चुनावी सभा को संबोधित किया था। दोनों ही अवसरों पर उन्होंने कहा था कि परमहंस जी का सपना अवश्य पूरा होगा, लेकिन प्रधानमंत्री रहते उन्होंने रामलला और बजरंगबली का दर्शन-पूजन नहीं किया था। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 अक्टूबर को एक बार रामनगरी के सबसे बड़े और भव्य-दिव्य दीपोत्सव में सम्मिलित होंगे।

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