उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा की हार ने मायावती को झकझोर कर रख दिया है. बसपा ने अपने सियासी इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन किया है ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती नए सिरे से संगठन को खड़ा करने की कवायद में है,
खबर ये सामने आ रही है कि कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर हाथी की सवारी करेंगे? सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों को खारिज करते हुए मुस्लिम नेता ने कहा है कि वह बहुजन समाज पार्टी में नहीं जा रहे हैं। कभी बसपा के शीर्ष नेताओं में शामिल रहे सिद्दीकी ने बसपा प्रमुख मायावती के साथ मुलाकात के दावों को खारिज किया है।
नसीमुद्दीन सिद्दकी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ''सोशल मीडिया में झूठी खबर चल रही है कि मेरी मायावती से मुलाकात हुई और मैं बसपा में जा रहा हूं। मैं बता दूं कि यह झूठी खबर है। मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई। मैं कांग्रेस पार्टी में हूं और कांग्रेस में ही रहूंगा। मेरी नेता प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी हैं। कांग्रेस छोड़कर ना कहीं जा रहा हूं और ना जाऊंगा।''
कभी बसपा के कद्दावर नेता रहे नसीमुद्दीन बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद खास माने जाते थे। वह मायावती सरकार में ताकतवर मंत्री भी रहे। गौरतलब है की पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव हार की समीक्षा के लिए पार्टी पदाधिकारियों और विधानसभा प्रत्याशियों की बैठक बुलाई थी। जिसमें हार पर मंथन किया गया था। उस बैठक में यह मुद्दा उठा था कि पार्टी के जो पुराने कैडर के नेता छोड़ कर चले गए हैं उन्हें वापस बुलाया जाए। जिससे पार्टी को मजबूती मिले और आने वाले चुनाव में इसका रिजल्ट भी दिखाई देगा। इस बात को मायावती ने हरी झंडी दे दी थी। जिसके बाद सबसे पहला नाम नसीमुद्दीन सिद्दीकी का आया था कि उन्हें वापस के लिए बुलाया जाए। लेकिन वह अब कांग्रेस में ही रहने की बात कर रहे हैं।