प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा धार्मिक उत्सवों के लिए निर्देश दिए गए हैं। आगामी किसी भी धार्मिक उत्सव में भीड़ परिसर के बाहर न हो इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में आगामी ईद (Eid) और अक्षय तृतीया के लिए केंद्रीय पीस कमेटी बैठक हुई। सभी धर्मों के लोगों ने इस बैठक में भाग लिया। सभी लोगों राय सुनी गई। बैठक जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ईद के मौके पर ईदगाह के बाहर किसी भी तरह का नमाज या फिर किसी अन्य धार्मिक कार्यक्रम में परिसर के बाहर नहीं होंगी। सभी धर्मों में जुलूस के लिए स्वीकृति अनिवार्य है।
वही अलविदा यानी आखिरी जुमा को लेकर मुस्लिम इलाकों में खासी तैयारी चल रही है। एक तरह से छोटी ईद कहलाने वाले रमजान के आखिरी जुमे पर अलविदा की नमाज अदा होती है। एक तो अजान की आवाज और दूसरे सड़कों पर नमाज अदा करने को लेकर विवाद, इसी में भीषड़ गर्मी। ऐसे में इस बार ज्यादातर मस्जिदों, मदरसों समेत अन्य इबादतगाहों के अंदर ही नमाज के इंतजाम किए जा रहे हैं।
यूपी के प्रयागराज में इस बार कोशिश है कि नमाज सड़कों पर न हो। कमेटियों, उलेमाओं और पेश इमामों ने खास हिदायत दी है कि नमाज का इंतजाम ऐसे करें कि दूसरों को परेशानी न हो।
गौरतलब है कि अलविदा की नमाज के लिए शहर से लेकर गांवों तक ईद जैसी भीड़ ही उमड़ती है। मस्जिदों की छतों, दूसरी मंजिलों पर सफाई कर टेंट या छावनी का इंतजाम किया जा रहा है। पंखे और कूलर भी मंगाए जा रहे हैं ताकि नमाज और खुतबा सुनने वालों को दिक्कत न हो। कई बड़े मदरसों में इस बार अलविदा की नमाज का इंतजाम किया गया है। जो इलाके पूरी तरह मुस्लिम आबादी वाले हैं वहां मस्जिदों के सामने या फिर सड़क पर नमाज हो सकती है। मिलीजुली आबादी वाले इलाकों में कोशिश है कि मस्जिदों के अंदर ही नमाज अदा हो।